मर्कज़ी-ओ-रियास्ती हुकूमतें अवाम को बुनियादी सहूलतें फ़राहम करने में नाकाम

हैदराबाद ०३ अप्रैल : ( नईम वजाहत ) : मर्कज़ी-ओ-रियास्ती हुकूमतों के हालियाफ़ैसले ग़रीब-ओ-मुतवस्सित तबक़ा पर क़हर ढह रही हैं । अशीया ज़रुरीया की क़ीमतें आसमान को छू रही हैं । दो दिन क़बल बर्क़ी शरहों में इज़ाफ़ा करते हुए अवाम पर बिजलीगिराई गई जबकि कल अचानक रातों रात कमर्शियल सरगर्मीयों में इस्तिमाल होने वाले पकवान गैस के फ़ी सीलनडर पर 227 रुपय का और गाड़ीयों में इस्तिमाल होने वाले एलपी जी गैस पर फ़ी लीटर तक़रीबन 7 रुपय का इज़ाफ़ा कर दिया गया है ।

आजकल में पैट्रोल की क़ीमतों में इज़ाफ़ा करने के इशारे दिए जा रहे हैं जिस से ना सिर्फ होटलिंग करना महंगा पड़ जाएगा बल्कि आटो के किरायों में इज़ाफ़ा होगा और घरेलू इस्तिमाल होने वाली पकवान गैस की ब्लैक मार्केटिंग को हरगिज़ नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता । हुकूमतों का काम अवाम को राहत फ़राहम करना होता है । अवामी मुफ़ादात का तहफ़्फ़ुज़ करना हुकूमतों का अव्वलीन फ़रीज़ा है लेकिन मौजूदा मर्कज़ी-ओ-रियास्ती हुकूमतें ना सिर्फ बदउनवानीयों को फ़रोग़ दे रही हैं साथ ही अशीया ज़रुरीया की क़ीमतों को कंट्रोल करने में नाकाम हैं ।

अवाम को बुनियादी सहूलतें फ़राहम करने में नाकाम है । मुख़्तलिफ़ इक़सामके टैक्स वसूल करते हुए ग़रीब अवाम का जीना दूभर करदिया है । मौसिम-ए-गर्मा केआग़ाज़ के साथ ही घरों से बर्क़ी ग़ायब होगई है । शहरी-ओ-देही इलाक़ों में पीने के पानी की क़िल्लत और तर्कारीयों की क़ीमतों में इज़ाफ़ा हो गया है । वयाट के ख़िलाफ़ गुज़शता 15 दिन से सोना चांदी के ब्योपारी अपने कारोबार को बंद रखे हुए हैं मआशी बोहरान के बाइस बेरोज़गारी में इज़ाफ़ा हो रहा है ।

अवाम अशीया ज़रुरीया की क़ीमतों में इज़ाफ़ा के बोझ से अभी सँभल ही नहीं पाए थे कि बर्क़ी शरहों में इज़ाफ़ा करदिया गया । जब कि ये फ़ैसला हुकूमत के इंतिख़ाबी वाअदे की ख़िलाफ़वरज़ी है । डाक्टर राज शेखर रेड्डी ने 2009 के आम इंतिख़ाबात में इंतिख़ाबी मुहिम चलाते हुए अवाम से वाअदा किया था कि जब तकरियासत में कांग्रेस पार्टी बरसर-ए-इक्तदार रहेगी हुकूमत बर्क़ी शरहों में इज़ाफ़ा नहीं करेगी । किसानों को मुफ़्त सरबराह की जाने वाली बर्क़ी के औक़ात में 7 घंटों से बढ़ा कर 9 घंटे करने का वाअदा किया था । मुफ़्त बर्क़ी के औक़ात में इज़ाफ़ा तो नहीं किया गया मगर बर्क़ी की शरहों में इज़ाफ़ा किया गया है ।

इस से ग़रीब अवाम परेशान हैं यही नहीं कमर्शियल सरगर्मीयों मसला होटलों और दीगर इदारों में इस्तिमाल होने वाली पकवान गैस में फ़ी सीलनडर अचानक 227 रुपय का इज़ाफ़ा करदिया गया है इस तरह 6 माह के दौरान कमर्शियल सरगर्मीयों के लिए इस्तिमाल होने वाली गैस पर 600 रुपय का इज़ाफ़ा किया गया है 6 माह क़बल तक कमर्शियल सरगर्मीयों के लिए इस्तिमाल होने वाले 19 केलो गैस फ़ी सीलनडर की क़ीमत 1300 रुपय थी । मार्च के अवाख़िर तक 1677 रुपय फ़ी सीलनडर फ़रोख़त होरही थी यक्म अप्रैल से इस की क़ीमत में 227 रुपय फ़ी सीलनडर इज़ाफ़ा किया गया । जिस के बाद हैदराबाद में इस की क़ीमत बढ़ कर 1908 रुपय होगई । कमर्शियल सरगर्मीयों के लिए इस्तिमाल होने वाली गैस की क़ीमतों में इज़ाफ़ा के बाद ( डोमेस्टिक ) घरेलू इस्तिमाल होने वाली पकवान गैस की ब्लैक मार्केटिंग के इमकानात बढ़ गए हैं घरेलू इस्तिमाल के लिए पकवान गैस बुकिंग कराने के 15 ता 20 दिन बाद दस्तयाब हो रही है ।

ब्लैक मार्केटिंग से पकवान गैस की क़िल्लत पैदा होने के इमकानात भी हैं कमर्शियल गैस की क़ीमतों में इज़ाफ़ा के बाद होटलों के खानों की क़ीमतों में भी इज़ाफ़ा होजाएगा । मर्कज़ी हुकूमत पहले ही बजट में सरवेस टैक्स में इज़ाफ़ा करदिया है । पैट्रोल डीज़ल की क़ीमतों में मुसलसल इज़ाफ़ा को देखते हुए अवाम एलपी जी गैस की गाड़ीयों को मुतबादिल के तौर पर इस्तिमाल कररहे हैं लेकिन हुकूमत ने रातों रात गाड़ीयों में इस्तिमाल होने वाली एलपी जी गैस की क़ीमतों में 6.81 रुपय फ़ी लीटर का इज़ाफ़ा करदिया है । एलपी जी गैस अब डीज़ल से भी महंगी हो गई है । गाड़ीयों में इस्तिमाल होने वाले एलपी जी गैस की क़ीमतों में इज़ाफ़ा के बाद आटो के कर एवं में भी इज़ाफ़ा हो जाएगा । 2010 दिसंबर में आख़िरी मर्तबा आटोऒ के किरायों में इज़ाफ़ा किया गया था । इस के बाद से आज तक पैट्रोल पर 14 रुपय एलपी जी गैस पर 18.93 रुपय डीज़ल पर 3.77 रुपय का इज़ाफ़ा हो गया है ।।