मर्कज़ी अंजुमन महदवीया का जल्सा ख्वातीन का इन्इक़ाद

हैदराबाद । मर्कज़ी अंजुमन महदवीया के ज़ेर-ए-एहतिमाम जल्सा ख्वातीन 25 अप्रैल को 9 बजे शब अहाता मर्कज़ी अंजुमन महदवीया में मुनाक़िद हुआ।

मुहतरमा सय्यीदा अज़ीज़ बानो महमूदी मेहमान ख़ुसूसी शिरकत की। मुहतरमा सबीहा मुजीब आरफ़ी, हाफ़िज़ा सय्यीदा शफ़तीन ने अपनी तक़रीर में दीदार इलाही पर अपने ख़्यालात का इज्हार किया और कहा कि इशक़-ए-हक़ीक़ी का जज्बा पैदा किया जाना चाहीए । इस के बाद दुनिया में ही दीदार इलाही मुम्किन है।

मुहतरमा इस्रा बानो नात शरीफ़ पेश की और इनाम याफ़तगान नात ख़वानी और तक़रीरी मुक़ाबलों के तालिबात ने इस जल्सा को मुख़ातब किया और नात शरीफ़ पेश करने की सआदत हासिल की। इस के बाद मुहतरमा सबीहा मजब आरफ़ी ने मुख़ातब किया।

डाक्टर अतीया मुजीब आरफ़ी ने नात शरीफ़ का नज्राना पेश किया। जल्सा का आग़ाज़ कारिया मुहतरमा सय्यदा शहला बानो की किरात कलाम पाक से हुआ। इनाम याफ़तगान में गोल्ड मैडल्स-ओ-गोल्ड मैडल कयाश ग्रांट और सिलवर मैडल्स कयाश ग्रांट के इलावा मुख़्तलिफ़ मुक़ाब्ले जात के इनाम पाने वाले तालिबात मैं इनामात की तक्सीम अमल में आई।

मुहतरमा सय्यीदा वसीमा मुस्लिम ने मोतमद इस्तिक्बालीया के फ़राइज़ अंजाम दिए।