मर्कज़ी वज़ीर फ़ौलाद पर सहाफ़ीयों को रिश्वत देने का बी जे पी का इल्ज़ाम

मर्कज़ी वज़ीर फ़ौलाद बेनी प्रसाद वर्मा और बी जे पी अरकाने राज्य सभा में एक दूसरे के साथ झड़प में मुलव्विस होगए। जबकि बेनी प्रसाद वर्मा पर लोक सभा हल्क़ा-ए-इंतेख़ाब में तोहफ़े देते हुए उन्हें रिश्वत देने में मुलव्विस रहने का बेनी प्रसाद वर्मा पर बी जे पी ने इल्ज़ाम आइद किया। बेनी प्रसाद वर्मा ने ये कहते हुए कि उन्होंने सिर्फ़ एक करोड़ 75 लाख रुपये क़ौमी फ़ौलाद सारिफ़ीन काउंसल के इजलास मुनाक़िदा लखनऊ ब तारीख़ 3 फ़रव‌री पर ख़र्च किए हैं।

इस इजलास का एहतेमाम मुल्क की फ़ौलाद की पैदावार को बाक़ायदा बनाने के लिए किया गया था। ये मसला उठाते हुए बी जे पी क़ाइद प्रकाश जावडेकर ने कहा कि ये वाक़िया इक़तेदार के बदतरीन इस्तेमाल की मिसाल है और रिश्वत सतानी के मुतरादिफ़ है। वो जानना चाहते थे कि क्या हुकूमत इस मामले की तहक़ीक़ात करवाएगी।

प्रकाश जावडेकर ने वक़फ़ा‍-ए‍-सिफ़र के दौरान कहा कि ये इक़तेदार का नाजायज़ इस्तेमाल है। ये रिश्वतखोरी के सिवा और कुछ नहीं है। क्या हुकूमत उसकी तहक़ीक़ात करवाएगी। उन्होंने इल्ज़ाम आइद किया कि मोबाईल फोन्स, तोहफ़ों और सहाफ़ीयों में तक़सीम शूदा नक़द रक़्म की मालियत मालूम की जाये।

ये तोहफ़े मर्कज़ी वज़ीर ने अपने हल्क़ा-ए‍-इंतेख़ाब में एक हज़ार अफ़राद को पेश किए थे। इन तोहफ़ों का फ़ौलाद की पैदावार में इज़ाफे से कोई ताल्लुक़ नहीं था। प्रकाश जावडेकर ने सवाल किया कि क्या फ़ौलाद के शोबा, तामीर इमकना और मुताल्लिक़ा सनअतों के शोबों से ताल्लुक़ रखने वाले अफ़राद का तक़र्रुर सिर्फ़ उन एस सी सी अरकान की हैसियत से किया जा सकता है।

अगर एसा है तो विज़ारत एक हज़ार अरकान को इस महिकमे में की जायज़ पस-ए-मंज़र के बगै़र कैसे तक़र्रुर करसकती है। उन्होंने खासतौर पर सवाल किया कि क्या उन लोगों को रुकमी इमदाद दी गई थी और तोहफ़े दिए गए थे जिन की मालियत करोड़ों रुपये थी। अपने जवाब में बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा कि इस इजलास में दलित, पसमांदा तबक़ात और अक़िलीयती तबक़ात के लोग शरीक थे।जुमला अख़राजात सिर्फ़ एक करोड़ 75 लाख रुपये हुए।