मर्कज़ी वज़ीरफाइनैंस की बेंकर्स‌ और कॉरपोरेट इदारों के सरबराहों से मुलाक़ात

मुंबई । 9 अप्रैल (पी टी आई) मआशी महाज़ पर जारी कसादबाज़ारी के दौरान मर्कज़ी वज़ीरफाइनैंस पी चिदम़्बरम ने आज तात्तुल का शिकार प्रोजेक्टस के बारे में शोबा सनअत के अंदेशों का अज़ाला किया और ताय्क़ुन‌ दिया कि रुकावटें दूर करने केलिए हर मुम्किन इक़दाम किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हुकूमत का एजंडा ऐसे प्रोजेक्टस के बारे में जो तात्तुल का शिकार हैं, तैय्यार होचुका है। 215 प्रोजेक्टस की निशानदेही की गई है जो किसी ना किसी वजह से तात्तुल का शिकार हैं। 126 नए प्रोजेक्टस का मंसूबा बनाया गया है जिन्हें बैंक क़र्ज़ मंज़ूर करचुके हैं लेकिन इन प्रोजेक्टस का आग़ाज़ नहीं होसका।

इजलास में अनील अंबानी, प्रशांत रोया(ईसार), अजीत गुलाब चंद (एस सी सी) और मधु कन्नन (टाटा संस्) शरीक थे। चिदम़्बरम के हमराह मोतमिद बंकिंग-ओ-मआशी ख़िदमात राजीव टुकरो थे। बैंकर्स में एस बी आई के सदर नशीन प्रदीप चौधरी और बैंक आफ़ इंडिया, सैंटर्ल बैंक आफ़ इंडिया और यूनीयन बैंक आफ़ इंडिया के सदर नशीन मौजूद थे।

चिदम़्बरम ने कहा कि बैंकर्स और शोबा सनअत के साथ हम ये जानने की कोशिश कररहे हैं कि कोई मख़सूस प्रोजेक्ट तात्तुल का शिकार क्यों हुआ है और हम इस रुकावट को दूर करने केलिए किया करसकते हैं। इजलास हकूमत-ए-हिन्द के इस तख़मीना की ताईद के तौर पर मुनाक़िद किया गया था कि मआशी शरह तरक़्क़ी गुज़िशता 10 साल के दौरान माली साल 2013 में अक़ल्ल तरीन सतह पर पहुंच चुकी है और इस के अहया की कोशिशें ज़रूरी हैं।