मर्कज़ी हुकूमत के पास मुस्लिम मसाइल का अंबार अखिलेश अस्तीफ़ा दें : शाही इमाम

नई दिल्ली 8 मार्च- शाही इमाम मस्जिद फ़तह पूरी, दिल्ली मुफ़्ती मुकर्रम अहमद साहिब ने आज जुमा की नमाज़ से क़ब्ल ख़िताब में मुस्लमानों से अपील की कि क़ौम का मुस्तक़बिल नौजवानों के मुस्तक़बिल के साथ वाबस्ता है, लिहाज़ा उनकी तालीम-ओ-तर्बीयत की तरफ़ ख़ुसूसी तवज्जो दी जाये।

उन्होंने कहा कि मुस्लमानों की पसमांदगी का सबसे बड़ा सबब हकूमत-ए-हिन्द का मुस्लमानों के साथ सौतेला रवैय्या है। उन्हें छोटे छोटे मसाइल में इतना उलझा दिया गया है कि उन्हें अपने मुस्तक़बिल के बारे में सोचने की नौबत नहीं आती। रिज़र्वेशन ना मिलना, नौजवानों की गिरफ़्तारी, दहश्तगर्दी का लेबल लगना, वोटर लिस्ट से नाम ग़ायब होना, हज दुबारा करने पर पाबंदी आइद करना, हज पर टैक्स लगना, फ़सादाद क़ी तबाही, गिरफ़्तारी, वक़्फ़ ज़मीनों पर हुकूमत के ज़रिये क़ब्ज़े, अग़यार के ज़रिये क़ब्ज़े, तारीख़ी मस्जिद पर आसारे-ए-क़दीमा के ताले, वक़्फ़ बोर्डों में लायक़ और अहल स्टाफ़ का तक़र्रुर ना करना, उर्दू के साथ नाइंसाफ़ी और उर्दू असातिज़ा का तक़र्रुर ना करना, इसी तरह के और भी छोटे छोटे मसाइल हैं, जिनमें मुस्लमानों को जानबूझ कर उलझा कर रख दिया गया है।

अगर हुकूमत चाहे तो उन्हें हल होने में ज़रा भी देर नहीं लग सकती। उत्तर प्रदेश की बिगड़ती सूरत-ए-हाल पर तशवीश ज़ाहिर करते हुए उन्होंने वज़ीर-ए-आला अखिलेश यादव से इस्तीफे का मुतालिबा किया। आप ने कहा कि 11 महीने कई बड़े बड़े फ़सादाद हो चुके हैं, जिसमें मुस्लमानों के जानी वमाली नुक़्सानात का अंदाज़ा ही नहीं लगाया जा सकता। उत्तर प्रदेश में सी ओ डी एस पी ज़िया उल-हक़ की हलाकत और पुलिस रिपोर्ट में राजा भया को बचाया जाना नाक़ाबिल-ए-बर्दाश्त अमल है।