मर्कज़ी हुकूमत के स्कालरशिपस से हज़ारों अक़लियती तलबा की महरूमी का ख़दशा

हैदराबाद 21 जुलाई:मर्कज़ी हुकूमत की तरफ से अक़लियती तलबा को दी जाने वाली प्ररी मेट्रिक और पोस्ट मेट्रिक स्कालरशिप के सिलसिले में नए क़वाइद ने तलबा की मुश्किलात में इज़ाफ़ा कर दिया है।

मर्कज़ी वज़ारत -ए-अक़लियती उमोर की तरफ से स्कालरशिप के हुसूल के लिए जारी करदा नए रहनुमायाना ख़ुतूत में जिन क़वाइद को शामिल किया गया, वो अक़लियती तलबा के लिए स्कालर से महरूमी का सबब बन सकते हैं।

मर्कज़ी हुकूमत ने दरख़ास्तों के इदख़ाल के वक़्त जिन दस्तावेज़ात को लाज़िमी क़रार दिया है, इन में तलबा-ए-के सरपरस्तों का इनकम सर्टीफ़िकेट शामिल है। इस के अलावा टीयूशन फ़ीस, एडमीशन फ़ीस को भी शामिल किया गया।

मज़कूरा तीनों नई शराइत अक़लियती तलबा के लिए दुशवारीयों का सबब बन रही हैं। सरकारी स्कूलों से ताल्लुक़ रखने वाले तलबा, टीयूशन फ़ीस और एडमीशन फ़ीस की तफ़सीलात और रसाइद दाख़िल नहीं करसकते क्यु‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍कि सरकारी मदारिस में इस तरह की फ़ीस का कोई नज़म नहीं है।

तलबा के सरपरस्तों का इनकम सर्टीफ़िकेट भी हज़ारों तलबा को स्कालरशिप से महरूम करने का सबब बन सकता है। रेवेन्यू ओहदेदार और तहसीलदार से इनकम सर्टीफ़िकेट हासिल करना इंतेहाई दुशवार कुन मरहला है, इस के हुसूल के लिए कम से कम तीन ता चार हफ़्ते दरकार हैं।

हुकूमत की मुख़्तलिफ़ स्कीमों के लिए इनकम सर्टीफ़िकेट को लाज़िमी क़रार दिया गया लिहाज़ा रेवेन्यू दफ़ातिर में इनकम सर्टीफ़िकेट के हुसूल के लिए अवाम का हुजूम मौजूद रहता है। एसे में स्कालरशिप के हुसूल के लिए तलबा को इनकम सर्टीफ़िकेट हासिल करना आसान नहीं। इनकम सर्टीफ़िकेट की इजराई के लिए कई दरमयानी अफ़राद सरगर्म दिखाई देते हैं जो भारी रक़म हासिल करके सर्टीफ़िकेट की इजराई को यक़ीनी बनाते हैं।

अगर तलबा इन दरमयानी अफ़राद का सहारा लें तो उन्हें स्कालरशिप की रक़म से ज़्यादा रक़म दरमयानी अफ़राद को अदा करनी पड़ेगी। मर्कज़ी हुकूमत को चाहीए कि वो मज़कूरा तीन नई शराइत से दसतबरदारी इख़तियार करे। हुकूमत ने तलबा के लिए लाज़िमी क़रार दिया हैके वो दरख़ास्तों के इदख़ाल के वक़्त तमाम ज़रूरी अस्नादात की सकयानिग करें। साबिक़ में इस तरह की शर्त आइद नहीं थी और अस्नादात के ज़ीराक्स क़बूल किए जाते थे।

तमाम अस्नादात और दस्तावेज़ात की सकयानिग पर तलबा को रक़म ख़र्च करनी पड़ेगी। प्ररी मेट्रिक स्कालरशिप के लिए दरख़ास्तों के इदख़ाल की आख़िरी तारीख़ 31 जुलाई है और तलबा के लिए इस क़दर कम मुद्दत में मुम्किन नहीं कि वो रेवेन्यू ओहदेदारों से इनकम सर्टीफ़िकेट हासिल करें। इस मसले पर एडीटर सियासत ज़ाहिद अली ख़ां ने ना सिर्फ़ अक़लियती बहबूद के ओहदेदारों की तवज्जा मबज़ूल कराई बल्कि मर्कज़ी वज़ीर-ए-क़लीयती उमोर नजमा हेपतुल्ला को मकतूब रवाना करने का फ़ैसला किया है। अगर हुकूमत नए क़वाइद से दसतबरदारी इख़तियार नहीं करेगी तो हज़ारों तलबा स्कालरशिप से महरूम होजाएंगे।