मर्कज़ी हुकूमत पर दबाव‌ डालने के लिए टी आर एस की कामयाबी ज़रूरी

साबिक़ टी आर एस रुकने असेंबली हरीश राव‌ ने सांगारेड्डी में मुनाक़िदा एक प्प्रेस कांफ्रेंस से ख़िताब करते हुए कहा कि तेलुगु देशम सरबराह चंद्राबाबू नायडू ने महबूबनगर के जलसे में तीन मर्तबा जय मुत्तहदा आंध्र कहा और अवाम की मुख़ालिफ़त को देखते हुए जय तेलंगाना कहा।

इस से ये साबित होता है के अभी भी चंद्राबाबू नायडू मुख़ालिफ़ तेलंगाना ज़हन रखते हैं। चंद्राबाबू नायडू को चाहीए कि वो सीमांध्र में ही बस जाएं।

तेलुगु देशम पार्टी 32 साला सियासी जमात है लेकिन चंद्राबाबू नायडू के 9 साला दौर में और ना एन टी आर के दौर में इलाक़ा तेलंगाना की तरक़्क़ी पर कोई ख़ास तवज्जा दी गई और ना ही बी सी तबक़ा के किसी क़ाइद को चीफ़ मिनिस्टर बनाया गया।

तेलुगु देशम पार्टी में सारे ओहदों पर चंद्राबाबू नायडू ने अपना क़बज़ा रखते हुए दुसरे तबक़ात के साथ नाइंसाफ़ी की। उनके दौर-ए-हकूमत में कोई भी आबपाशी पराजकट इलाक़ा तेलंगाना में शुरू नहीं किया गया।

उनके दौर में किसानों की ख़ुदकुशी के वाक़ियात में इज़ाफ़ा हुआ, बर्क़ी कटोती, मुलाज़िमीन सरकार को हरासानी जैसे मसाइल देखे गए। चंद्राबाबू नायडू की वजह से ही अलाहिदा रियासत तेलंगाना की तशकील में रुकावट हुई।