मर्कज़ी हुकूमत मफ़लूज हो चुकी है

कमटा (कर्नाटक) ०२ नवम्बर (पी टी आई) वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह पर तन्क़ीद में शिद्दत पैदा करते हुए बी जे पी क़ाइद एल के अडवानी ने इल्ज़ाम आइद किया कि मनमोहन सिंह ज़ेर-ए-क़ियादत हुकूमत मफ़लूज होचुकी और कोई भी फ़ैसला करने से क़ासिर है। इसकी वजह करप्सन है।

उन्होंने कहा कि करप्सन की वजह से मर्कज़ी हुकूमत ग़ीरकारकरद हो चुकी है। क्रप्शन के ख़िलाफ़ अपनी यात्रा के 22 वें दिन अडवानी ने गवर्नर्स कान्फ़्रैंस में इतवार के दिन ये कहने पर कि कुरप्शन के ख़िलाफ़ कार्रवाई का वक़्त आ गया है, मनमोहन सिंह पर तन्क़ीद करते हुए कहा कि एक के बाद एक स्क़ाम का इर्तिकाब किया गया है। कार्रवाई का वक़्त तब था या अब है?

उन्हों ने कहा कि मलिक के गोशा गोशा में अगर किसी मसला पर तबादला-ए-ख़्याल किया जाता है तो वो क्रप्शन ही है।

उन्हों ने कहा कि अवाम इस किस्म का कुरप्शन बर्दाश्त नहीं करेंगी। वो क्र्प्शन की वजह से ग़मगीं, नाख़ुश और परेशान हैं। उन्हों ने अस्क़ामस के पेशे नज़र हिंदूस्तान को बद उनवान मुलक समझने की ग़लतफ़हमी की भी तरदीद की।

उन्होंने कहा कि मर्कज़ी क़ाइदीन और हुकूमत बद उनवान हो सकते हैं, लेकिन हिंदूस्तान बद उनवान मुल्क नहीं है। हिंदूस्तानी अवाम बहैसीयत मजमूई दियानतदार और मेहनती हैं जो दरुस्त तौर पर रक़म कमाते हैं।

उन्होंने वज़ीर-ए-आज़म पर इल्ज़ाम आइद किया कि वो ग़ैरमुल्की बैंकों बिशमोल स्विस् बैंकों में जमा 25 लाख करोड़ रुपय मालियती काला धन मुल्क में वापिस लाने केलिए कुछ नहीं कर रहे हैं, हालाँकि 2009-ए-के पारलीमानी इंतिख़ाबात में इस का तीक़न दिया गया था। उन्हों ने सोइस पार्लीमैंट का हवाह दिया जिस ने मुख़्तलिफ़ तरक़्क़ी याफ़ता ममालिक के दबाव् के तहत जारीया साल के अवाइल में एक नया क़ानून मंज़ूर किया है जिसे नाजायज़ असासा जात की यकसूई का क़ानून क़रार दिया है।

इस के तहत नाजायज़ रक़ूमात मुताल्लिक़ा ममालिक को वापिस करदी जाएंगी लेकिन हिंदूस्तान ने इस से कोई फ़ायदा नहीं उठाया, जबकि इस क़ानून की मंज़ूरी के बाद अमरीका, जर्मनी और बाअज़ छोटे अफ़्रीक़ी ममालिक ने सोइस बैंकों से ये गंदी रक़म हासिल कर ली है, लेकिन हिंदूस्तान ने इस मसला पर ताहाल कोई कार्रवाई नहीं की।

आख़िर क्यों? उन्हों ने कहा कि पार्लीमैंट के सरमाई इजलास में अप्पोज़ीशन हुकूमत से दरयाफ़त करेगी कि बैन-उल-अक़वामी क़वानीन से हुकूमत ने किया फ़ायदा हासिल किया है। कितना पैसा अब तक वापिस लाया गया है।

उन्होंने कहा कि काला धन एक ख़तीर रक़म है। एक ख़ज़ाना है जो वापिस लाया जाय तो हिंदूस्तान की हालत बदल सकती है। उन्हों ने बैरून-ए-मुल्क जिन अफ़राद की रक़ूमात जमा हैं, इन सब के नाम शाय करने का मुतालिबा किया। दुनिया को मालूम होना चाहीए कि ये लोग कौन हैं जो अपनी रक़म ग़ैरमुल्की बैंकों में जमा करते हैं।