मर्कज़ को दरपेश मआशी मसाएल (आर्थिक समस्यायों) का कोई अंदाज़ा नहीं

मआशी शरह तरक़्क़ी गुज़शता 9 साल के दौरान रिकार्ड अक़ल्लतरीन सतह पर पहुंच जाने के पस-ए-मंज़र में चीफ़ मिनिस्टर गुजरात नरेंद्र मोदी ने मर्कज़ पर तन्क़ीद करते हुए इल्ज़ाम आइद किया कि ये मफ़लूज पालिसी की अक्कासी है और मर्कज़ को दरपेश मसाएल का कोई अंदाज़ा नहीं है।

वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने 7 फ़ीसद शरह तरक़्क़ी का प्रवासी भारतीय दीवस तक़रीब मुनाक़िदा ( आयोजित) जयपुर में चंद माह क़ब्ल फ़ख़्रिया अंदाज़ में इद्दिआ ( निश्चय) किया था। उन्होंने कहा कि मार्च में राज्य सभा में ऐसी दावा का इआदा किया गया, लेकिन हकूमत-ए-हिन्द दरपेश मसाएल (समस्यायें) से बिलकुल नावाक़िफ़ है।

उसे सिर्फ ये मालूम है कि इन्हितात (कमी) किस हद तक आ गया है। नरेंद्र मोदी से मुबय्यना तौर ( कथित तौर पर) पर जी डी पी की शरह तरक़्क़ी 2011‍ 12 के दौरान अक़ल्ल तरीन सतह पर पहुंच जाने के बारे में सवाल किया गया था। उन्होंने मर्कज़ (केंद्र) पर तन्क़ीद करते हुए कहा कि इस की पालिसी मफ़लूज ( लक़्वा ग्रस्त) हो चुकी है।

मईशत के 20 शोबे हुकूमत की वजह से वो समिति से बुरी तरह मुतास्सिर ( प्रभावित) हैं। मर्कज़ी वज़ीर मंसूबा बंदी अश्वनी कुमार ने मोदी के पालिसी मफ़लूज हो जाने के निज़ाम को मुस्तर्द ( रोक दिया) कर दिया। ताहम एतराफ़ किया कि मफ़लूज हुकूमत की मजबूरियां दूसरे मरहला की इस्लाहात को रोकने में कामयाब हो गई हैं।

मोदी ने कहा कि शरह तरक़्क़ी की सुस्त रफ़्तार के असरात तवील मुद्दती बुनियाद पर महसूस किए जाऐंगे। दरीं असना मंसूबा बंदी कमीशन ने गुजरात के लिए 51 हज़ार करोड़ रुपय की 34 फ़ीसद रक़म जारीया माली साल के लिए गुजरात के सालाना मंसूबा के लिए मंज़ूर की है।

ये उसकी इम्दाद में 34 फ़ीसद (%) का ज़बरदस्त इज़ाफ़ा है, लेकिन गुजरात से कहा गया है कि वो समाजी तब्दीलीयों में रिकार्ड बेहतर बनाए, जैसे कि सनफ़ी तनासुब और नाक़िस तग़ज़िया ( खराब पालन पोषण) पर नज़र रखी जाय। चीफ़ मिनिस्टर गुजरात नरेंद्र मोदी ने मंसूबा बंदी कमीशन के आदाद-ओ-शुमार को चैलेंज करते हुए उन्हें ग़लत क़रार दिया।