गोहाटी: चीफ मिनिस्टर आसाम मिस्टर तरूण गोगोई ने आज मर्कज़ से मुतालिबा किया है कि रियासत को वाजिब-उल-अदा 20,000 करोड़ के फंड्स फ़ील-फ़ौर मंज़ूर किए जाएं बसूरत दीगर वो पार्लियामेंट के सरमाई इजलास के दौरान एहतेजाजी मुज़ाहरे पर मजबूर हूजाएंगे।
उन्होंने मीडिया से बात चीत करते हुए कहा कि मैं अगले पंद्रह बीस रोज़ तक इंतेज़ार करूँगा। अगर रियासत को वसूल तलब फ़ंड की इजराई के लिये कोई इक़दाम नहीं किया गया तो वो पार्लियामेंट में एहतेजाजी मुज़ाहरा के लिये मजबूर हूजाएंगे। चीफ मिनिस्टर ने बताया कि पार्लियामेंट के सरमाई इजलास के दौरान ये एहतेजाज किया जाएगा।जो कि 26 नवंबर से शुरू हो कर 23 दिसंबर तक जारी रहेगा।
मिस्टर तरूण गोगोई से बताया कि आसाम को मर्कज़ से मुख़्तलिफ़ स्कीमात और महिकमों से जुमला 20,000 करोड़ रुपये वसूल तलब हैं जो कि गुज़िशता 8 ता 10 साल के दौरान जारी नहीं किए गए। चीफ मिनिस्टर ने अफ़सोस ज़ाहिर किया कि उन्होंने रियासत के मारज़ अलतवा फंड्स की इजराई के लिये वज़ीर-ए-आज़म, मर्कज़ी वज़ीरे दाख़िला और फाईनेंस से नुमाइंदगी की थी लेकिन अन-सुनी कर दी गई।
जब कि वसूल तलब सबसे ज़्यादा फ़ंड ऑयल कंपनियों की राइलेटी से मुताल्लिक़ है जो कि 10 हज़ार करोड़ तक पहुंच गए हैं। उन्होंने इल्ज़ाम आइद किया कि मर्कज़ी हुकूमत , ख़ुसूसी ज़मुरा के मौक़िफ़ से दसतबरदारी और शुमाल मशरिक़ी फ़रोग़ सनअती-ओ-सरमाया कारी पॉलीसी की मुअत्तली के ज़रिया शुमाल मशरिक़ी रियासतों और आसाम को नज़रअंदाज कर रही है। जिसकी बहाली के लिये वो जद्द-ओ-जहद करते रहेंगे। चीफ मिनिस्टर ने बाज़ मर्कज़ी वुज़रा के इस दावे पर तन्क़ीद की कि रियासत आसाम को ख़ातिर-ख़्वाह फंड्स दिए जा रहे हैं।