हुकूमत तेलंगाना ने वाज़िह कर दिया कि वो मर्कज़ से किसी तसादुम को दावत देना नहीं चाहती लेकिन हैदराबाद में अमन-ओ-क़ानून पर गवर्नर को ख़ुसूसी इख़्तियारात देने से मुताल्लिक़ मर्कज़ी वज़ारत-ए-दाख़िला की हिदायत को कुलअदम ना किए जाने की सूरत में यक़ीनन वो जवाबी कार्रवाई करेगी।
तेलंगाना के चीफ़ मिनिस्टर के चन्द्रशेखर राव के फ़र्ज़ंद और रियासती वज़ीर इन्फ़ार्मेशन टेक्नालोजी-ओ-पंचायत राज के टी रामाराव ने पी टी आई से बातचीत करते हुए मर्कज़ी वज़ारत उमूर दाख़िला की तरफ़ से 8 अगस्त को जारी करदा हिदायात को एक एसा अमल क़रार दिया जिस की माज़ी में कोई मिसाल नहीं मिलती।
उन्होंने कहा कि हम मरकज़ के साथ किसी तसादुम को दावत नहीं दे रहे हैं। लेकिन उजलत के साथ ये भी कहा कि अगर मर्कज़ अपनी मर्ज़ी मुसल्लत करता है (हिदायात को कुलअदम नहीं करता है) तो रियासती हुकूमत के पास जवाबी कार्रवाई करने के सिवा-ए-कोई दूसरा रास्ता बाक़ी नहीं रहेगा।
के टी रामाराव ( के टी आर) ने कहा के जवाबी कार्रवाई क्या होगी आने वाले दिनों में ये बिलकुल वाज़िह होजाएगा।रामा राव ने कहा कि अमन-ओ-क़ानून ,रियासती हुकूमत का मुआमला है किसी मुंख़बा रियासती हुकूमत के इख़्तयारात सल्ब करने मर्कज़ का कोई भी इक़दाम वफ़ाक़ीयत के मजमूई जज़्बा के बराबर होगा। के टी आर ने कहा कि चीफ़ मिनिस्टर (के सी आर) ने पिछ्ले रोज़ वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी को एक मकतूब तहरीर किया है जिस में इन हिदायात की मंसूख़ी की ख़ाहिश की गई है उन्होंने उम्मीद ज़ाहिर की के वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी इस मकतूब पर सही जवाब देंगे।
उन्होंने कहा कि रवां साल 18 फ़रवरी को पार्लियामेंट में आंध्र प्रदेश तंज़ीम जदीद क़ानून 2014 की मंज़ूरी और 2 जून को रियासत तेलंगाना के वजूद में आने के बाद से ताहाल कोई क़ाबिल-ए-ज़िकर (नाख़ुशगवार) वाक़िया पेश नहीं आया।
के टी आर ने हैरत का इज़हार किया कि फिर आख़िर क्या वजह है जिस ने मर्कज़ को ये क़दम उठाने पर मजबूर किया है।के टी आर ने कहा कि हुकूमत तेलंगाना ने सेक्यूरिटी इंतेज़ामात को बेहतर बनाने और हैदराबाद में अमन-ओ-क़ानून की सूरते हाल को बेहतर बनाने 400 करोड़ रुपये मुख़तस किए हैं।
उन्होंने कहा कि हम समझते हैंके ये (हिदायात )वज़ीर-ए-आज़म के दफ़्तर के इलम-ओइत्तेला के बगै़र जारी किए गए हैं। इस बात का इमकान होसकता है।