मर्यम अल सफ़र ख़लीजी ममालिक की पहली ख़ातून रेल ओहदेदार

दुबई, ०१ फरवरी (एजैंसीज़) मुत्तहदा अरब अमीरात की शहरी 28 साला मर्यम अल सफ़र दुबई मेट्रो रेल की पहली ख़ातून ड्राईवर हैं जिन्हें ना सिर्फ यू ए ई बल्कि तमाम ख़लीजी ममालिक में पहली ख़ातून रेल अहदीदरा होने का एज़ाज़ भी हासिल है।

मुत्तहदा अरब अमीरात में मौजूद मेट्रो सिस्टम को दुनिया का एक बेहतरीन और असरी निज़ाम से आ रास्ता रेलवे सिस्टम क़रार दिया जाता है जिस को एक मर्कज़ी मुक़ाम से ही कंट्रोल किया जाता है।

मर्यम ऐसी पहली ख़ातून हैं जो कि दुबई मेट्रो ट्रेन के लिए अहल क़रार दी गई हैं।

रेल को कंट्रोल करनेवाली ये ख़ातून इन दिनों तवज्जा का मर्कज़ बनी हुई है। मीडीया नुमाइंदों से इज़हार-ए-ख़्याल करते हुए ख़लीजी ममालिक की पहली ख़ातून रेल ड्राईवर ने कहा कि उन्हें हमेशा से ही चैलेंज्स पसंद थे और वो ग़ैर रिवायती मैदान में अपने करियर की ख़ाहां थीं जिस की वजह से आज वो इस मुक़ाम पर हैं।

उन्हों ने दीगर ख़वातीन को भी मश्वरा दिया कि वो अपनी ज़िंदगी में मक़सद और मंज़िल का ताय्युन करते हुए आगे बढ़ें। नीज़ इन शोबों में करियर के मवाक़े तलाश करें जो कि ख़वातीन के लिए ग़ैर रिवायती तसव्वुर किए जाते हैं।

मर्यम ने अपनी मुलाज़मत के मुताल्लिक़ इज़हार-ए-ख़्याल करते हुए कहा कि बहैसीयत ट्रेन ओहदेदार उन्हें मुख़्तलिफ़ ममालिक और तहज़ीब से ताल्लुक़ रखने वाले अफ़राद से तबादला-ए-ख़्याल करने का मौक़ा मिलता है|

जिस के ज़रीया वो ना सिर्फ दीगर अफ़राद के ख़्यालात से वाक़िफ़ होती हैं बल्कि उस की वजह से उन में ऐसी सलाहीयत फ़रोग़ पाती है जिस के ज़रीया वो मुश्किल हालात का आसानी के सामना करती हैं।

मर्यम असरी टैक्नालोजी से आरास्ता रेल को चलाने से लुतफ़ अंदोज़ होती हैं क्योंकि ये ऐसा रेलवे निज़ाम है जो एक मर्कज़ी मुक़ाम से कंट्रोल किया जाता है और इस में अगर कहीं तकनीकी ख़राबी हो तब ही उसे मुक़ाम वाक़िया पर इस ख़ामी को दूर किया जाता है।

मर्यम का ये मुलाज़मत अंजाम देना दरअसल ख़लीजी ममालिक में मुक़ामी शहरीयों को मुलाज़मत फ़राहम करने के नज़रिया का नतीजा है।