पाकिस्तानी कमसिन इंसानी हुक़ूक़ की अलमबरदार मलाला यूसुफ़ ज़ई जो गुज़िश्ता साल तालिबान के क़ातिलाना हमला में बच गई थीं, 2013 के अक़वामे मुत्तहिदा के इंसानी हुक़ूक़ एवार्ड की मुस्तहिक़ क़रार दी गई है।
वो ऐसा एज़ाज़ है जो साबिक़ में अफ़्सानवी शख़्सियतों जैसे आँजहानी नेल्सन मंडेला को उन के इंसानी हुक़ूक़ के लिए नुमायां कारनामों के लिए दिया जा चुका है।
ये एवार्ड 5 साल में एक बार अता किया जाता है और माज़ी में एमनेस्टी इंटरनेशनल और साबिक़ सदर अमरीका जिमी कार्टर को दिया गया था।
हाई कमिशनर बराए इंसानी हुक़ूक़ नवीप्ले ने कहा कि बुनियादी तौर पर अक़वामे मुत्तहिदा और क़ौमी और बैनुल अक़वामी बिरादरी के बाइख़्तियार ओहदेदारों का रवैया इन इनामात से तबदील होने का इमकान है।