मशरिक़ी पाकिस्तान में मुदाख़िलत के भारतीय एतराफ़ का नोटिस लें

पाकिस्तान ने आलमी बिरादरी से मुतालिबा किया है कि वो भारतीय वज़ीरे आज़म की जानिब से सन 1971 में उस वक़्त के मशरिक़ी पाकिस्तान में भारतीय मुदाख़िलत के एतराफ़ का नोटिस ले।

दफ़्तरे ख़ारिजा के तर्जुमान क़ाज़ी ख़लीलुल्लाह ने मंगल को जारी होने वाले एक ब्यान में कहा है कि नरेंद्र मोदी के ब्यान से भारत के अपने ख़ुद मुख़्तार हमसाया मुल्क के ख़िलाफ़ मन्फ़ी किरदार अदा करने के पाकिस्तानी मौक़िफ़ की तसदीक़ होती है।

तर्जुमान ने कहा कि ये क़ाबिले अफ़सोस है कि भारतीय सियास्तदान ना सिर्फ़ अक़्वामे मुत्तहदा के चार्टर की ख़िलाफ़वर्ज़ी करने वाले इक़दामात में मुलव्विस होते हैं बल्कि दीगर रियास्तों के दाख़िली मुआमलात में इस मुदाख़िलत को याद कर के फ़ख़र भी करते हैं।

क़ाज़ी ख़लीलुल्लाह का कहना था कि पाकिस्तान पुरअमन बकाए बाहमी और भारत के साथ अच्छे ताल्लुक़ात पर यक़ीन रखता है और भारतीय वज़ीरे आज़म की जानिब से दो तरफ़ा ताल्लुक़ात को बेकार क़रार देना बदक़िस्मती है।