मशहूर गायिका रेशमा का लाहौर में निधन हो गया है। साल 1947 में बीकानेर में पैदा हुई रेशमा गले के कैंसर से जूझ रही थीं। यूं तो वह पाकिस्तानी शहरी थीं, लेकिन 3 दशक पहले आई बॉलिवुड फिल्म हीरो के गाने ‘लंबी जुदाई’ से वह हिंदुस्तान में भी मशहूर हो गईं।
रेशमा ने बेहद कम उम्र से गाना शुरू कर दिया था। जब वह 12 साल की थीं, तब पहली मरतबा उन्होंने रेडियो पाक पर गाना गाया और उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। पाकिस्तान में एक ग्लूकारा के तौर पर वह बेहद मकबूल हो चुकी थीं, लेकिन हिंदुस्तान में उनकी आवाज गूंजी सुभाष घई की फिल्म हीरो के गाने ‘लंबी जुदाई’ के जरिए। यह गाना 80 के दशक का सुपरहिट गाना रहा।
हीरो मूवी का गाना ‘चार दिनां दा प्यार हाय रब्बा, बड़ी लम्बी जुदाई… ‘ गाना एक तरह से रेशमा के लिए हिंदुस्तान से जुदाई का ही ऐलान साबित हुआ था। इस गाने के बारे में रेशमा का कहना था, ‘हीरो में गाया हुआ मेरा यह गाना सचमुच मेरे ऊपर फिट हो गया। उस गीत ने मुझे जितनी मकबूलियत दिलाई, उसकी मैंने तसव्वुर भी नहीं की थी। इसी की बदौलत मैं रातों-रात स्टार बन गई।’
इसके बाद भी उन्होंने प्लेबैक सिंगिंग के लिए कोशिशें की थीं, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली। एक इंटरव्यू में इस बारे में बात करते हुए रेशमा ने कहा था,’दरअसल घरवालो की वजह से इस गाने के बाद मैं पाकिस्तान चली गई, जबकि उस वक्त मेरे पास टॉप म्यूजिक डायरेक्टर्स के ऑफर थे।’
रेशमा का कहना था कि हिंद और पाक उनके लिए दो आंखों की तरह हैं। उनका कहना था कि कलाकारों के लिए मुल्क की सरहदें कभी रुकावट नहीं बनतीं और हिंदुस्तान में उन्हें हमेशा बेहद प्यार और इज़्ज़त मिली है। रेशमा चाहती थीं कि भारत-पाक अमन-चैन से रहें।
इतवार की सुबह लाहौर के हॉस्पिटल में रेशमा के इंतेकाल की खबर आते ही भारत और पाक समेत दुनिया भर में उनके मद्दाह गम में डूब गए। फिल्मी दुनिया की कई हस्तियों ने उनके इंतेकाल पर अफसोस किया है।