मसर्रत आलम के ख़िलाफ़ सख़्त क़ानून नाफ़िज़

श्रीनगर

अलहैदगी पसंद लीडर मसर्रत आलिम भट्ट के ख़िलाफ़ क़ानूनी चाराजोई को तेज़ करते हुए जम्मू-कश्मीर के हुक्काम ने उनके ख़िलाफ़ अवामी सलामती क़ानून का सख़्त तरीन दफ़ा लगाते हुए जेल मुंतक़िल किया है।

वो वादी की जेल से जम्मू की जेल मुंतक़िल किए गए हैं। अवामी सलामती क़ानून के तहत गिरफ़्तार शख़्स को मुक़द्दमे के बगै़र कम अज़ कम 6माह तक जेल में रखा जा सकता है।

मसर्रत आलम को गुज़िशता माह पी डी पी ज़ेरे क़ियादत हुकूमत ने इसी क़ानून के तहत जेल में चार साल गुज़ारने के बाद रिहा किया था और 7अप्रैल को मुल्क के ख़िलाफ़ जंग करने और ग़द्दारी जैसे इक़दामात आइद करते हुए दुबारा गिरफ़्तार किया गया था। उन्होंने सख़्त गीर हुर्रीय‌त कान्फ़्रेंस लीडर सय्यद अली शाह गिलानी केलिए निकाली गई रैली के दौरान क़ौम दुश्मन नारे लगाए थे और पाकिस्तानी पर्चम को लहराया था।

मसर्रत आलम को क़ानून अवामी सलामती के तहत गिरफ़्तार किया गया था। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट बडगाम अलताफ़ अहमद मीर ने कहा कि भट्ट को कोथ बुहलूल जेल मुंतक़िल किया गया है। 45साला सख़्त गीर लीडर को उन की गिरफ़्तारी के बाद 7रोज़ा पुलिस तहवील भी दिया गया था।

उन्होंने चीफ़ जोडीशिय‌ल मजिस्ट्रेट बडगाम के सामने अपील दायर की थी और उन पर आइद मुक़द्दमे की समाअत पर ज़ोर दिया था|