मसलकी अक़ीदत से ज़्यादा इस्लाम की अहमीयत – उर्दगान

सदर तुर्की रजब तैयब उर्दगान ने आज एक अहम बयान देते हुए कहा कि मुस्लमानों के लिए इस्लाम की हैसियत सब से ज़्यादा होनी चाहीए ना कि शीया और सुन्नी मसलक की।

ईरान के एक रोज़ा दौरा से वापसी के बाद सहाफ़ीयों से बात करते हुए उन्हों ने कहा कि आप शीया हो सकते हैं, सुन्नी हो सकते हैं, ये आप की तर्ज़े फ़िक्र, वाबस्तगी और अक़ीदत का मुआमला हो सकता है लेकिन अगर आप इस अक़ीदत को दूसरों पर मुसल्लत करने की कोशिश करेंगे तो ये कोशिश इस्लाम को मुंतशिर करने का सबब बन जाएगी।

आज आलमे इस्लाम इंतिशार का शिकार है। ज़रूरत इस बात की है कि मसलकी अक़ीदत को छोड़कर इस्लाम की हक़्क़ानियत का दामन थाम लिया जाए। कहीं (ख़ुदा-ना-ख़ास्ता) ऐसा ना हो जाए इस्लाम का मज़बूत क़िला ज़मीन दोज़ हो जाए।