मसला-ए-कश्मीर का मुस्तक़िल हल दरयाफ़त करने की ख़ाहिश का इज़हार करते हुए हुकूमत ने कहा कि वो इस मसले को हल करने इंसानियत के दायरा में बातचीत के लिए तैयार है और वो पाकिस्तान से भी बेहतर ताल्लुक़ात की हामी है।
वज़ीर-ए-दाख़िला राजनाथ सिंह ने राज्य सभा को मतला किया कि हम चाहते हैंके मसला-ए-कश्मीर का मुस्तक़िल हल दरयाफ़त किया जाये। हम दस्तूर के दायरा कार में किसी भी तरह की बातचीत के लिए तैयार हैं।
अगर ज़रूरी हो तो हम इंसानियत के दायरा कार में भी बातचीत करेंगे। इस ज़िमन में उन्होंने अप्पोज़ीशन कांग्रेस से जो कुछ भी मुम्किन होसकता है तआवुन करने की ख़ाहिश की है।
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान पाकिस्तान के साथ बेहतर ताल्लुक़ात चाहता है और वो इस मुल्क के साथ दर अंदाज़ी का मसला हल करने भी बातचीत के लिए तैयार है। राज नाथ सिंह वज़ारत-ए-दाख़िला के काम काज पर मुबाहिस का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि हुकूमत शुमाल मशरिक़ के तख़रीब कारों और नेक्सलाईटस के साथ भी बातचीत करने तैयार है अगर वो हथियार डालते हैं।
ताहम उन्होंने कहा कि हुकूमत तशद्दुद से सख़्ती से निमटने भी इक़दाम कर रही है। वज़ीर मौसूफ़ ने वाज़िह किया कि हुकूमत ज़ात पात मज़हब और नसल की बुनियाद पर इमतियाज़ नहीं करती और हालिया फ़िर्कावाराना वाक़ियात के लिए वोट बैंक की सियासत ज़िम्मेदार
है।
उन्होंने कहा कि हुकूमत इस तरह के वाक़ियात को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि हम मसला-ए-कश्मीर को हल करने किसी एजेंट को इस्तेमाल नहीं करेंगे। हम ये मसला हल करने रियासती हुकूमत के सरगर्म तआवुन से हर मुम्किन कोशिश करेंगे।
जम्मू-ओ-कश्मीर में मुसल्लह अफ़्वाज को ख़ुसूसी इख़्तयारात देने के क़ानून की तंसीख़ के मुतालिबात पर उन्होंने कहा कि इस मसले पर इत्तिफ़ाक़ राय नहीं है।
ताहम उन्होंने कहा कि किसी गवर्नर को ये इख़तियार है कि वो एक सादा आलामीया जारी करते हुए किसी भी इलाके से किसी क़ानूनी गुंजाइश को ख़त्म करदे।
फ़िर्कावाराना सूरते हाल पर उन्होंने कहा कि हम वाक़िफ़ हैं कि हिंदुस्तान किसी एक बिरादरी ज़ात का इलाके का मुल्क नहीं है। हमारी हुकूमत इंसानियत की बुनियाद पर सब से इंसाफ़ को यक़ीनी बनाने की पाबंद है।
हमारी तर्जीह रोज़ी रोटी और तहफ़्फ़ुज़ है। हालिया फ़िर्कावाराना वाक़ियात पर उन्होंने कहा कि वोट बैंक सियासत की वजह से ये वाक़ियात पेश आए हैं। उन्होंने कहा कि हुकूमत फ़िर्क़ावारना हम आहंगी को यक़ीनी बनाने तमाम इक़दामात करेगी।