अक़वाम-ए-मुत्तहिदा, 05 जनवरी: ( पीटीआई ) पाकिस्तान ने आज कहा कि हिंदुस्तान के साथ मसला कश्मीर को दोनों मुल्कों हिंदुस्तान-ओ-पाकिस्तान ही को हल कर लेना चाहीए । पाकिस्तान ने ये भी कहा कि मसला कश्मीर पर अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की क़रारदादें इस मसला के हल में अहम दायरा कार फ़राहम करती हैं।
अक़वाम-ए-मुत्तहिदा में पाकिस्तानी सफ़ीर मिस्टर मसऊद ख़ान ने कल यहां कहा कि जब हम मसला कश्मीर की बाहमी नवीत की बात करते हैं तो यक़ीनी तौर पर इस मसला को हिंदूस्तान-ओ-पाकिस्तान को ही हल करना चाहीए और हम इस बात का एतराफ़ भी करते हैं कि इस मसला को हल करने के मुआमला में अक़वाम-ए-मुत्तहिदा किया क़रार दादें एक अहम दायराकार फ़राहम करती हैं।
पाकिस्तान ने 15 रुकनी अक़वाम ए मुत्तहिदा सलामती कौंसल की एक माह तवील सदारत क़बूल की जिसके बाद मिस्टर मसऊद ख़ान अख़बारी नुमाइंदों से बात चीत कर रहे थे । इस सवाल पर कि आया इस मसला को बाहमी तौर पर ही हल कर लिया जाना चाहीए यह फिर अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की निगरानी में हल होना चाहीए मिस्टर ख़ान ने कहा कि इस मसला का इस तरह से हवाला नहीं दिया जा सकता।
उन्होंने कहा कि अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की क़रार दादें मौजूद हैं और ये क़ाबिल अमल हैं और दरमियान में हिंदूस्तान-ओ-पाकिस्तान के माबेन बात चीत का अमल यक़ीनी तौर पर जारी रहना चाहीए । पाकिस्तान वक़फ़ा वक़फ़ा से अक़वाम-ए-मुत्तहिदा सलामती कौंसल में मसला कश्मीर को उठाता रहा है लेकिन हिंदूस्तान का हमेशा ही इस्तिदलाल रहा है ये दाख़िली मसला है ।
गुज़शता महीने वज़ीर आज़म पाकिस्तान राजा परवेज़ अशर्फ़ ने कहा था कि इनका मुल्क चाहता है कि मसला कश्मीर को अक़वाम-ए-मुत्तहिदा क़रार दादों की मुताबिक़ और कश्मीरी अवाम की ख़ाहिशात के मुताबिक़ हल किया जाये ।
मसऊद ख़ान ने हिंदूस्तान और पाकिस्तान के माबेन मुख़्तलिफ़ मसाइल पर मुज़ाकरात बिशमोल तिजारत में इज़ाफ़ा का हवाला दिया और कहा कि दोनों मुल्कों की क़ियादत की मुलाक़ातें भी हुई हैं और दोनों अक़्वाम मुज़ाकरात में मसरूफ़ हैं। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान और पाकिस्तान के माबेन बेशुमार मसाइल पर तबादला ख़्याल जारी है और दोनों मुल्कों के सियोल समाज के माबेन भी राबितों में इज़ाफ़ा हुआ है ।
उन्होंने कहा कि ये हमारी कोशिश है ये पाकिस्तानी अवाम की ख़ाहिश है कि देरीना हल तलब मसाइल खासतौर पर जम्मू-ओ-कश्मीर के मसला को कश्मीरी अवाम की ख़ाहिशात के मुताबिक़ हल किया जाये और ये हल ऐसा होना चाहीए जो दोनों मुल्कों हिंदूस्तान-ओ-पाकिस्तान के लिए काबिल-ए-क़बूल होना चाहीए ।