सदर कांग्रेस सोनीया गांधी और वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह सयासी हालात से निमटने की हिक्मत-ए-अमली पर यकसाँ ज़हन बना लिया है और किसी तरह से हिंद। अमेरीकी न्यूक्लीयर मुआहिदों पर इख़तिलाफ़ के बाद कम्यूनिसट पार्टीयों को 2009 के इंतिख़ाबात(चुनाव) से दूर करदिया गया जबकि कम्यूनिसट जमातों ने कांग्रेस से अपनी ताईद वापिस ले ली थी और किसी तरह से कांग्रेस के दुश्मनों से पार्टी के लिए ताईद हासिल की गई है और तहरीक एतिमाद को जीतने के लिए दलाली की गई।
सोनीया गांधी ने उन की सालगिरा के तोहफे पर 9 डिसमबर 2009 को अलग तेलंगाना के जायज़ा मुतालिबे को क़बूल करते हुए अलहदा रियासत की हामी भरी थी और इस से मुकर गए। साल 2014में आम इंतिख़ाबात(चुनाव) के लिए वक़्त कांग्रेस के हाथ से निकलता जा रहा है। ऐसी क़ियास आराईयां हैं कि टी आर एस का कांग्रेस के साथ इंज़िमाम होगा क्योंकि रियासत में उभरती ताक़त वाई ऐस आर कांग्रेस को शिकस्त देना है।
अलहदा तेलंगाना मुतालिबा कांग्रेस के लिए सब से बड़ा सिरदर्द है जबकि तेलंगाना ताईदी ग्रुपस हैदराबाद में 30 सितंबर को तेलंगाना मार्च प्रोग्राम को कामयाब बनाने की सर तोड़ कोशिश कररहे हैं। दूसरी तरफ सदर टी आर एस के चंद्रशेखर राव जोकि पिछ्ले 20 दिनों से दिल्ली में मुज़ाकरात में मसरूफ़ हैं, ने इस बात की पेशकश की है कि मर्कज़ की जानिब से अलहदा रियासत तेलंगाना की तशकील की सूरत में वो अपनी पार्टी को कांग्रेस में ज़म करदेंगे।
के सी आर ने ग़ुलाम नबी आज़ाद, वीलार रवी के बाद बहुत जलदी सोनीया गांधी से मुलाक़ात करेंगे। ई राजिंदर टी आर ऐस क़ाइद ने भी के सी आर की पेशकश की तौसीक़ की है। सोनीया गांधी ने टी आर एसकी पैशकशी के जवाब में कांग्रेस के आला सयासी क़ाइदीन के साथ एक इजलास(मीटींग) का इनिक़ाद अमल में लाया। ज़राए ने बताया कि वज़ारत-ए-दाख़िला अलहदा तेलंगाना मुतालिबा के पेशे नज़र 30 सितंबर को एक कुल जमाती इजलास(मिटींग) तलब करनेवाली है।
दूसरी तरफ कांग्रेस आला क़ियादत पर ख़ुद इस के क़ाइदीन का ज़बरदस्त दबाव है कि आइन्दा इंतिख़ाबात(चुनाव) से पहले अलहदा तेलंगाना पर कोई फ़ैसला करदिया जाय। कांग्रेस के एक रुकन पार्लीमैंट ने बताया कि टी आर एस के कांग्रेस के साथ इंज़िमाम से वाई ऐस आर कांग्रेस को शिकस्त दी जा सकती है। ऐसा समझा जा रहा है के 30 सितंबर को तेलंगाना मार्च पर तशद्दुद शक्ल इख़तियार करेगा जबकि रियास्ती गवर्नर ई ऐस एल नरसिम्हन ने सोनीया गांधी को रियासत की मौजूदा सूरत-ए-हाल से वाक़िफ़ करवाया है। उन्हों ने मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला शिनडे से भी मुलाक़ात की।