मसह बिकती इम्तेहानात से दूरी ने मुस्लिम अक़ल्लीयतों को सरकारी मुलाज़मतों में नुमाइंदगी से महरूम कर दिया है । लिहाज़ा तुक्का सा वक़्त है कि आली तालीम के साथ मसह बिकती इम्तेहानात में भी शिरकत को मुस्लिम तलबा-ए-यक़ीनी बनाँए ।
एजूकेशन्ल कालम निगार एम ए हमीद ने एस आई ओ करीमनगर के ज़ेर ए एहतेमाम पीकोक कान्फ्रेंस हाल में मुनाक़िदा सियोल सर्विस और ग्रुप इम्तेहानात उनवान पर तो सेवी लेक्चर से ख़िताब के दौरान तलबा-ए-से ख़िताब करते हुए किया ।
एम ए हमीद ने तलबा-ए-को तलक़ीन की कि वो सियोल सर्विस और ग्रुप इम्तेहानात की तैयारी मंसूबा बंद अंदाज़ में करें ता कि आली रैंक के साथ इन का इंतेख़ाब मुम्किन हो सके । उन्हों ने कहा कि आज इल्मी वसाइल-ओ-ज़राए की बोहतात है शर्त है कि इसका सही इस्तेमाल किया जाये लेकिन इन वसाइल की मौजूदगी के बावजूद कई तलबा-ए-मसह बिकती इम्तेहानात के मुताल्लिक़ मालूमात और आली तालीम तक रसाई के अमल में तसाहली से काम ले रहे हैं जो कि ख़ुद उनके तालीमी कैरियर और तालीमी मक़ासिद के हुसूल में रुकावट का बाइस बन सकते हैं ।
एम ए हमीद ने इस मौक़ा पर तलबा-ए-को मर्कज़ी-ओ-रियास्ती हुकूमत की जानिब से रोज़गार फ़राहमी के मंसूबों से भरपूर इस्तेफ़ादा करने और इंतिज़ामी शोबों में रोज़गार के मौक़े तलाश करने की तलक़ीन की । उन्हों ने तलबा-ए-को यूनीयन पब्लिक सर्विस कमीशन और आंधरा प्रदेश पब्लिक सर्वीस कमीशन ग्रुप्स इम्तेहानात और दीगर मसह बिकती इम्तेहानात के मुताल्लिक़ तफ़सीली मालूमात फ़राहम की और तलबा-ए-पर ज़ोर दिया कि वो आई ए एस आई पी एस आई एफ़ एस इम्तेहानात में ख़ुद एतिमादी और मुसम्मम इरादों के साथ शिरकत करें ।
एम ए हमीद ने ए पी पी एस सी और यू पी एस सी इम्तेहानात की तवारीख़ और मज़ामीन की तफ्सीलात को पेश की और तलबा-ए-ओ- सरपरस्तों के कई सवालात का तश्फ़ी बख्श जवाब दिया ।एस आई ओ ज़ोनल कैंप्स सेक्रेट्री बर्दार मुहम्मद ख़लीक़ ने कहा कि मुल्क में आज बढ़ती बदउनवानीयों और रिश्वत के अहम सबब दरअसल इंतिज़ामी शोबों में बद उनवान अफस्रान की मौजूदगी है ।
अगर सर्विस-ओ-ग्रुप इम्तेहानात के ख़ाहिशमंद तलबा-ए-शफ़्फ़ाफ़ ज़हनीयत समाजी ख़िदमत और और ईमानदारी-ओ-पेशा से इंसाफ़ का जज़बा लेकर अपने कैरियर का आग़ाज़ करें मुम्किन है कि बदउनवानीयाँ इंतेज़ामी सतह से दूर हो सकें ।
बिरादर ख़लीक़ ने कहा कि एस आई ओ तलबा ए में समाज का तईं ज़िम्मेदारी के जज़बा को देखना चाहती है जिस के लिए एस आई ओ ने मौजूदा पालिसी में समाजी साईंस की एहमीयत को तक़ाज़ा वक़्त क़रार देते हुए तलबा-ए-में इनकी एहमीयत को उजागर करने का मंसूबा बनाया है ।
अमीर मुक़ामी जमात-ए-इस्लामी करीमनगर मुहम्मद ख़ैर उद्दीन ने कहा कि कामयाबी आरज़ूऐं उम्मीदों का नाम नहीं है बल्कि कामयाबी केलिए मक़सद से लगाव अनथक जद्द-ओ-जहद और बेहतरीन तालीमी मुज़ाहरा की ज़रूरत है । तो सेवी लैक्चर के दौरान तलबा-ए-ने सवालात-ओ-जवाबात के ज़रीया अपने शकूक-ओ-शुबहात दूर किए ।
प्रोग्राम की कार्रवाई अज़ीम ख़ान ने चलाई । बिरादर मुदस्सर ने मुख़्तलिफ़ इम्तेहानात की तफ्सीलात पेश की । सदर मुक़ामी बिरादर मुहम्मद तौसीफ एहतेशाम ने इज़हार-ए-तशक्कुर किया। मुहम्मद वसीम उद्दीन मुहम्मद फ़सीह उद्दीन नवाब मुहम्मद अबदुर्रहीम शेख़ अबदुल समी ख़ालिद ज़हूर डाक्टर बशीर और कई ख्वातीन इस मौक़ा पर मौजूद थे।