मसानी बैराज के पट्टेदार किसानों की लड़ाई लड़ेगा स्वराज इंडिया

“आज किसान के सरपर पगड़ी नहीं है और जेब में पैसे नहीं है बस ले देकर एक ही चीज़ बची है- बाप दादे की ज़मीन। और सरकार उसे भी छीनने में लगी है” यह बात करते हुए स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने घोषणा की की स्वराज इंडिया मसानी बैराज के पट्टेदार किसानों के संघर्ष को कोर्ट कचहरी में लेकर जायेगा।

आज स्वराज यात्रा का सातवा दिन कृषि भूमि अधिग्रहण विरोध दिवस के रूप में मनाया गया। आज यह यात्रा मसानी बराज के लिए भूमि अधिग्रहण से प्रभावित गांव से गुजरी। पिछले वर्ष सरकार ने अचानक इस जमीन को वन विभाग को स्थानांतरित कर दिया था। बरसों से इस भूमि में सरकारी पट्टे के आधार पर खेती कर रहे किसानों को अब खेती से रोका जा रहा है। सैंकड़ों परिवारों की आजीविका संकट में है।

जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक और कलकत्ता हाइकोर्ट के वरिष्ठ वकील अविक साहा ने कहा की मसानी बैराज के लिए अधिग्रहित ज़मीन को वन विभाग को स्थानांतरित करना गैरकानूनी है। अगर सरकार को मूल उद्देश्य के लिए जमीन की आवश्यकता नहीं है तो सरकार अधिग्रहण को रद्द करे और किसानों को ज़मीन वापस करे। उन्होंने यह भी पूछा की अगर ज़मीन वन विभाग को देदी गई है तो फिर सिचाई विभाग किसानों को नोटिस कैसे जारी कर रही है।

स्वराज इंडिया ने हरियाणा सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण कानून 2013 की धरा 24(2) में संशोधन की कड़ी निंदा की है। इस प्रावधान के मुताबिक अधिग्रहण का मुआवजा न मिलने पर पुराने कानून के तहत किये गए अधिग्रहण को रद्द किया जाना था । इससे किसानों को नए कानून के तहत किसानों को 4 गुना मुआवज़ा मिलता। हरियाणा सरकार ने चोर दरवाज़े से इस प्रावधान को बदलकर किसानों के साथ धोखा किया है।

पदयात्रा सुबह पिथनवास से चल कर ढाणी सांपली होते हुए आसिया की पाचौर पहुंची। यहाँ बुलंदशहर उत्तर प्रदेश से आए जय किसान आंदोलन के सहसंयोजक कर्नल जयवीर सिंह ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों के हितों की अनदेखी बहुत हो चुकी। अब किसान इसे सहन नहीं करेगा। ना तो उसे समय पर बीज खाद बिजली मिलती है और ना ही कृषि करने के लिए बेहतर अवसर ।इसके बावजूद किसान रिकॉर्ड तोड़ कृषि उत्पादन करता है तो उसे इसके लिए सही कीमत नहीं मिलती।आज किसान के पास कुछ बचा है उसके पास केवल उसकी जमीन बची है। जिसे सरकारें किसानों को जमीन उन्हें विकास का सब्जबाग दिखाते हुए अधिग्रहण कर रही है कि गांव का विकास होगा गांव में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। लेकिन गांवों को क्या मिल रहा है, केवल प्रदूषण कचरा और युवाओं में बेरोजगारी।

स्वराज यात्रा में कई साथी भारत के विभिन्न हिस्सों से आए हैं जिनमें अविक साहा, कर्नल जयवीर, कामरेड दलीप सिंह, रविन्द्र मालिक, रमन, अनिल यादव, मंजू यादव, रोहिणी, अर्चना श्रीवास्तव, रजत, नीलेश जैन, इंद्रनील, अरुणोदय सिंह, पंकज, परवेज के साथ स्वराज इंडिया व जय किसान आंदोलन के स्थानीय कार्यकर्त्ता स्वराज यात्रा में शामिल हैं।स्वराज पद यात्रा पिथनवाससे चलकर ढाणी, सांपली आसिया की पचौर,रलियावस,नीघानिया वास,निखरी, भट्साना, तातारपुर खालसा,अलावलपुर होती हुई खरखड़ा पहुंच कर आज का रात्रि विश्राम करेगी