मस्जिदे अकसा में इसराईली फ़ौज की फिर इश्तिआल अंगेज़ी

हैकल सुलेमानी को मुस्लमानों से आज़ाद करने की दावत मक़बूज़ा बैत-उल-मुक़द्दस। 12 अक्तूबर (एजैंसीज़) यहूदीयों के जत्थों ने आज सुबह की अव्वलीन साअतों में क़िबला अव्वल मस्जिदे अकसा में दाख़िल होकर इश्तिआल अंगेज़ कार्यवाहीयां शुरू करदी हैं। इसराईली पुलिस और फ़ौज की बड़ी तादाद भी मस्जिदे में यहूदी आबादकारों की हिफ़ाज़त के लिए मामूर थी। सात रोज़ा यहूदी मज़हबी तहवार ईदालमज़ला (यौम कीपोर) जो मंगल की शाम से शुरू होरहा है के मौक़ा पर एक बार फिर इंतिहापसंद यहूदीयों की बड़ी तादाद ने मस्जिदे अकसा पर धावा बोल दिया है जिस से मुस्लमानों में शदीद इश्तिआल पाया जाता है। मस्जिदे अकसा में ताय्युनात गारडज़ ने बताया कि मंगल की सुबह 7:00 बजे ग़ासिब यहूदीयों के छोटे गिरोहों ने मस्जिदे में जमा होना शुरू किया और फिर पै दरपे इसराईली सीकोरीटी फोर्सेस की हिफ़ाज़त में यहूदी जत्थे मस्जिदे में दाख़िल होना शुरू होगए। इस मौक़ा पर इंतिहापसंद यहूदी जमातों और रहनुमाओं ने मस्जिदे में हैकल पहाड़ी को मुस्लमानों के क़बज़ा से आज़ाद कराने की जद्द-ओ-जहद के नाम पर तक़रीब में यहूदीयों को शिरकत की दावत देना शुरू करदी। इसी दौरान इसराईली फ़ौज ने मस्जिदे के जुनूब में वाक़्य सलवान कॉलोनी के मर्कज़ी रास्ता को मस्दूद करदिया ताकि फ़लस्तीनीयों की हिर्म सालस मस्जिदे अकसा आमद रोक जाई। इसराईली सीकोरीटी के ओहदेदारों ने यहूदी ईद के मौक़ा पर मस्जिदे अकसा के अतराफ़ इलाक़ा में एमरजैंसी नाफ़िज़ करदी है। वाज़िह रहे कि ईदालमज़ला का 7 रोज़ा तहवार है जिस के दौरान यहूदी खुले मैदानों में खे़मे नसब करते हैं इस दौरान मग़फ़िरत की दुआएं की जाती हैं। खे़मे लगाने का मक़सद बनू इसराईल केक इन ख़ेमों की याद मनाना है जो उन्हों ने मिस्र से निकाले जाने के बाद चालीस बरस तक सहराए सेना में भटकने के दौरान लगाए थे। इस मौक़ा पर इसराईली अवाम खुले मैदानों के इलावा घरों की छतों पर खे़मे लगाकर या खुले आसमान तले शब बसर करते हैं। तलमोदी इबादात अदा की जाती हैं। इसराईली फ़ौजी अड्डों में भी ये तहवार इसी तरह मनाया जाता है और फ़ौजी भी मख़सूस ख़ेमों में रात बसर करते हैं। इस साल ये तहवार /12 अक्तूबर से /19 अक्तूबर तक मनाया जा रहा है। जुमेरात के दिन सारए इसराईल में तालतील होगी। अनबया-ए-की नाफ़रमानी के हवाला मारूफ़ यहूदी क़ौम उस रोज़ दुआएं करेगी। क़ब्लअज़ीं रात गए मस्जिदे अकसा की जुनूबी सलवान कॉलोनी में फ़लस्तीनी नौजवानों और इसराईली फ़ौज के दरमयान शदीद झड़पें हुई थीं जो देर तक जारी रहें जिस में मुतअद्दिद फ़लस्तीनी ज़ख़मी होगए। इन झड़पों य वजह ये थी कि इंतिहा-ए-पसंद यहूदीयों ने मस्जिदे अकसा के क़रीब वाक़्य यहूदी बस्ती में अपनी तलमोदी इबादात की अदाई की कोशिश की थी।