मस्जिदों और मदरसों पर सुरक्षा एजेंसियों ने बढ़ाई नजर

मेरठ: उत्तर प्रदेश के बिजनौर और उसके आस-पास के लगभग 2,000 मस्जिदों और मदरसों पर सुरक्षा एजेंसियों ने नजर बढ़ा दी है। बताया जा रहा है कि यह निगरानी पिछले दिनों आतंकवाद के कथित आरोप में आठ लड़कों की गिरफ्तारी के बाद किया जा रहा है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, जिन लड़कों को पकड़ा गया वे सभी अलग-अलग मदरसों में पढ़ाई करते थे। इसी वजह से पुलिस इलाके आसपास के मस्जिद और मदरसों पर खास नजर रख रही। हालांकि उन लड़कों को पूछताछ के छोड़ दिया गया था।

बिजनौर के पुलिस अधीक्षक अजय सहनी ने बताया कि पुलिस और दूसरी सुरक्षा एजेंसियां बिजनौर और इसके आसपास के धार्मिक संस्थानों पर कड़ी नजर रखेगी। उन्होंने कहा, “हम इन संस्थानों में जाने वाले इलाके के जिम्मेदार नागिरकों से भी सहायता मांग रहे हैं। ताकि नौजवानों को भटकने से बचाया जा सके।”

गौरतलब है कि गुरुवार की सुबह 8 युवकों को कथित रूप से दिल्ली और उत्तर प्रदेश में आतंकी हमले की साजिश रचने के आरोप गिरफ्तार किया था। हालांकि उनमें छह लड़कों को उत्तर प्रदेश एटीएस ने नोएडा के एक अज्ञात स्थान पर पूछताछ के बाद छोड़ दिया था।

बिजनौर के पुलिस अधीक्षक अजय सहनी ने बताया कि शुक्रवार को पूछताछ के बाद इन युवकों को रिहा कर दिया गया जबकि एक स्थानीय मस्जिद के इमाम मोहम्मद फैजान को हिरासत में लिया गया। ये सभी गिरफ्तारियां बिजनौर, महाराष्ट्र के मुंब्रा, पंजाब के जालंधर और बिहार के पूर्वी चंपारण से हुई थीं।

वहीं एटीएस अधिकारियों ने बताया, “इन युवकों के खिलाफ ऐसे कोई सबूत नहीं थे जिसके बिना पर उन्हें आतंकी माना जा सके। यह सिर्फ गुमराह नौजवान हैं। ऐसे में इनका सुधार करके मुख्य धारा में लाने की कोशिश की जा रही है ताकि समाज में पुलिस और व्यवस्था के प्रति इनका विश्वास बढ़े।”

एटीएस का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी, तो इनके लिए स्किल डिवेलपमेंट कोर्स भी करवाया जाएगा जिससे उन्हें मुख्य धारा में लाया जा सके। एटीएस अधिकारियों का कहना है कि वो बिल्कुल नहीं चाहती है कि गुमराह लड़कों को आतंकियों की कैटिगरी में रखा जाए। इसी लिए परिजनों से कहा गया है कि वे अपने बच्चों पर नजर रखे और एटीएस भी नजर रखेगी।