अरब पार्लीमेंट और इस्लामी दरसगाह इलाज़ हर के इलावा फ़लस्तीनी सफ़ीर ( राजदूत) बराए अरब लीग ने जुमा के दिन इसराईल पुलिस की जानिब से मस्जिद ए अक़्सा में घुस आने और मुसल्लियों ( नमाज़ियो) को ज़िद-ओ-कूब ( मारना पीटना) करने की शदीद ( शख्त) मुज़म्मत ( निंदा) की ।
कल के वाक़िया ( घटना) पर आलम इस्लाम के अहम क़ाइदीन ( लीडर) ने इसराईल को इंतिबाह ( चेतावनी) दिया और कहा कि मस्जिद ए अक़्सा पर उस की बदनिगाही महंगी पड़ेगी । नमाज़ जुमा के मौक़ा दर्जनों फ़लस्तीनीयों को इसराईली पुलिस ने ज़िद-ओ-कूब करते हुए मस्जिद ए अक़्सा के अहाता से बाहर ढकेल दिया था ।
इस के जवाब में फ़लस्तीनी मुसल्लियों ( नमाज़ियो) ने यहूदी पुलिस पर संगबारी ( पथराव) की । एहतिजाजी फ़लस्तीनीयों को मुंतशिर ( तितर बितर) करने के लिए इसराईली पुलिस फ़ोर्स ने एस्टन ग्रेनेड्स और आँसू गैस शेल बरसाए । अरब पार्लीमेंट के स्पीकर अली दक़बस ने एक ब्यान में कहा कि मस्जिद ए अक़्सा आलम इस्लाम का दूसरा अहम मर्कज़ है ।
इस मस्जिद पर क़ब्ज़ा करने इसराईल की कोशिश और मस्जिद के अहाता को दो हिस्सों में तक़सीम करने का नापाक इरादा इसके लिए महंगा पड़ेगा । इसराईल का मंसूबा है कि वो मस्जिद ए अक़्सा के अहाता को यहूदीयों और ईसाईयों के दरमयान तक़सीम कर दे । उन्होंने कहा कि इसराईल के इस नापाक मंसूबे के ख़िलाफ़ तमाम मुस्लिम तंज़ीमों ( संगठनो) को उठ खड़ा होना चाहिये ।
मक़बूज़ा ( अधिकृत) शहर पर इसराईली हमलों को रोकने के लिए जद्द-ओ-जहद की जाए । जामिआ इलाज़ हर के मुफ़्ती-ए-आज़म अहमद अलतीब ने इसराईल को इस की पालिसी के ख़िलाफ़ इंतिबाह ( चेतावनी/ खबरदार करना) दिया और कहा कि इसराईल अपने नापाक मंसूबों के ज़रीया इस ख़ित्ता (हिस्सा) को मज़हबी जंग में झोंकना चाहता है ।
इसकी हरकतों से नई जंगें छिड़ जाएंगी । मशरिक़ वुसता में रौनुमा (उत्पन्न) होने वाले नए हालात के लिए ख़ुद इसराईल ज़िम्मेदार होगा । मस्जिद ए अक़्सा पर किसी भी किस्म की बदनिगाही या उसे नुक़्सान पहूँचाने की कोशिश पूरे ख़ित्ता में ना सिर्फ सलामती और इस्तिहकाम के लिए ख़तरा होगा बल्कि सारी दुनिया में तबाही मच जाएगी ।
उन्होंने आलम इस्लाम और दीगर अक़्वाम पर ज़ोर दिया कि वो इसराईल की ख़िलाफ़ वरज़ीयों को फ़ौरी रोकने मज़ा ख़ुल्लत करे और यरूशलम की ज़्यादतियों पर एहतिजाज करें । मस्जिद ए अक़्सा का तहफ़्फ़ुज़ ( हिफाज़त) आलिम इस्लामी की ज़िम्मेदारी है । अरब लीग के फ़लस्तीनी सफ़ीर ( राजदूत) बरकत अलफ़रा ने इसराईली ज़्यादतियों को ख़तरनाक क़रार देते हुए शदीद मुज़म्मत ( निंदा) की ।
आलिम इस्लाम और अरब ममालिक ( देशों) से अपील की कि वो इसराईल की इस तरह की हरकतों को रोकने के लिए आगे आएं । आलमी बिरादरी भी इसराईल के नापाक अज़ाइम ( इरादे/ संकल्प) को रोकने का क़दम उठाए ।