मस्जिद कमेटीयों की तशकील वक़्फ़ बोर्ड की ज़िम्मेदारी

*हाल में जामा मस्जिद मुईनआबाद में हुए नौजवान के क़तल से मुताल्लिक़ सियासत 8 जुलाई में तफ़सीली रिपोर्ट शाय हुई जो बहुत जामा और हक़ायक़ पर मबनी है हालाँकि रियासत आंधरा प्रदेश की बेशतर मसाजिद वक़्फ़ बोर्ड की ज़ेर निगरानी हैं इस लिए वक़्फ़ बोर्ड को चाहीए कि वो तमाम मस्जिद कमेटीयों की फ़हरिस्त दफ़्तर में रखे और बवक़्त तशकील कमेटी तालीम-ए-याफ़ता और पाबंद शरीयत अफ़राद को शामिल करने की कोशिश करे और हर मस्जिद कमेटी की मीयाद मुक़र्रर कर के कम से कम तीन और ज़्यादा से ज़्यादा , पाँच साल इस के बाद इस कमेटी को तबदील कर के दूसरी कमेटी मुक़र्रर करे वर्ना वो एक किस्म की इजारादारी होजाएगी ।