मस्जिद का रास्ता बंद करने के ख़ाहां ये कैसे लोग हैं ?

एक एसे वक़्त जबकि शहर और अतराफ़-ओ-अकनाफ़ में वाक़्ये क़दीम मसाजिद को एक मंसूबा बंद साज़िश के तहत गैर आबाद करदिया गया है।

किसी मस्जिद की राह में भट्टियां नसब की गएं हैं तो किसी मस्जिद को चुनवा कर उसे मुसलमानों की नज़रों से ओझल करदिया गया। इसी तरह कई इसी गैर आबाद मसाजिद हैं जिन में कूड़ा क्रिकेट डालते हुए उनके तक़द्दुस को पामाल किया जा रहा है।

इन तमाम मसाजिद की हालत-ए-ज़ार के लिये हम महिकमा आसार क़दीमा , सरकारी ओहदेदारों और अल्लाह के घरों के दुश्मनों को ज़िम्मेदार क़रार देते हैं लेकिन ग़ैरों का यही काम जब अपने करने लगते हैं तो उन्हें क्या कहा जाये।

उन्हें क्या लक़ब दिया जाये। उन्हें किस नाम से पुकारा जाये इस बारे में वो ख़ुद बता सकते हैं। मुआमला दरअसल ये हैके मस्जिद पेटला बुरज में दाख़िल होने के एन रास्ते में हुकूमत 23 करोड़ रुपये लागत से पुराना शहर के लिये बर्क़ी सब स्टेशन क़ायम करने का फैसला किया है और इस प्रोजेक्ट को मंज़ूरी भी हासिल होगई जबकि इस बर्क़ी सब स्टेशन से मस्जिद का मैन रास्ता बंद होजाएगा।

आप को बतादें कि 909 मुरब्बा गज़ पर मुहीत ये मस्जिद दो सौ साल पुरानि है। इस मस्जिद में ईदैन की नमाज़ें सब से अव्वलीन औक़ात में होती हैं जिस के बाइस सरकारी मुलाज़मीन, महिकमा पुलिस से वाबस्ता मुस्लिम मुलाज़मीन को काफ़ी मदद मिल जाती है।

वो इस मस्जिद में नमाज़ ईदैन अदा कर के अपनी ड्यूटी पर चले जाते हैं। मस्जिद के अहम बाब उल दअखिले के एन सामने बर्क़ी सब इस्टेशन तामीर किए जाने का मुआमला अफ़सोसनाक है।

आख़िर किस की हिदायत पर ये काम किया जा रहा है। आख़िर कौन बाब उल दअखिला बंद करने के ख़ाहां है। इस सिलसिले में मस्जिद कमेटी के अरकान और मुक़ामी मुसलमानों की एक कसीर तादाद ने दफ़्तर सियासत पहुंच कर एडीटर सियासत जनाब ज़ाहिद अली ख़ां को तमाम तफ़सीलात से वाक़िफ़ करवाया और बताया कि मुक़ामी जमात इस सब स्टेशन की तामीर में ग़ैरमामूली दिलचस्पी ले रही है।

जबकि इस सब स्टेशन से मस्जिद का रास्ता ही बंद होजाएगा । इस ज़िमन में मस्जिद कमेटी और मुक़ामी मुसलमानों ने मुक़ामी जमात के क़ाइदीन के रवैये पर कई एक सवालात उठाए और याद दिलाया कि सरकारी कामों में करप्शन आम है हर काम में कमीशन लेना और देना आम होगया है।

इसे में 23 करोड़ रुपये लॉगती इस प्रोजेक्ट पर किस को क्या मिलेगा इस का अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं है। मस्जिद पेटला बुरज की कमेटी के अरकान और नुमाइंदों ने जनाब ज़ाहिद अली ख़ां को पेश करदा नुमाइंदगी में ये भी कहा कि चुनेहुवे नुमाइंदे के साथ एक अख़बार में जिन लोगों के नाम शाय होरहे हैं इन का मस्जिद कमेटी यह मुहल्ला से कोई ताल्लुक़ नहीं है।

उन लोगों का ये भी कहना हैके मस्जिद के लिये जिस दूसरे रास्ते की निशानदेही की गई है वो रास्ता मुनासिब नहीं है। अब मस्जिद कमेटी ने इस अज़म का इज़हार किया हैके वो हर हाल में मस्जिद के रास्ते में बर्क़ी सब स्टेशन क़ायम होने नहीं देगी।

इसके लिये अदालत का दरवाज़ा खटखटाया जाएगा और एहतेजाज करने से भी गुरेज़ नहीं किया जाएगा। मस्जिद कमेटी के अरकान और मुक़ामी मुसलमानों की नुमाइंदगी पर एडीटर सियासत जनाब ज़ाहिद अली ख़ां की हिदायत पर राक़िम उल-हरूफ़ ने इस मस्जिद का दौरा किया और देखा कि मस्जिद कमेटी के ख़दशात बिलकुल दरुस्त हैं।

वाज़िह रहे कि जनाब ज़ाहिद अली ख़ां की क़ियादत में 14 जून को पेटला बुरज मस्जिद के रास्ते को मस्दूद करने की कोशिशों के ख़िलाफ़ एहतेजाजी मुज़ाहरा किया जा चुका है।।
मस्जिद पेटला बुरज का वक़्फ़ रेकॉर्ड
Hyd 2436, Masjid Stone Built Police Parade Graound.
MCH No: 21-5-17, (S) 92 Petla Burj,
Ward-21 (909.7 sqy), Gazette No: 6A
Serial No: S1 2427, dt.9-2-1989, Page.No.107