मस्जिद की शहादत में मुलव्विस अफ़राद को बाअज़ गोशों की पुश्तपनाही

हैदराबाद। 27 जनवरी, ( सियासत न्यूज़) बाला पर मस्जिद शहादत मोआमला में मुलव्विस अफ़राद की पुश्तपनाही के लिए बाअज़ गोशों से मुनज़्ज़म साज़िश तैय्यार की जा रही है। बाला पर के अतराफ़-ओ-अकनाफ़ मुक़ामी अवाम के एक वफ़द ने आज जनाब ज़ाहिद अलीख़ां ऐडीटर रोज़नामा सियासत से मुलाक़ात करते हुए उन्हें इस बात से वाक़िफ़ करवाया। वफ़द में शामिल शरीफ़ साद बिन हमद यमानी, शरीफ़ ख़ालिद यमानी, मुंशी अनवर ख़ान,आसिम बिन ह्यद, आरिफ़ बिन हद, नबील बिन ह्यद, ज़ुबैर बादबा, सऊद इलजा बरी, अबदुलक़ादिर बग़्दादी, सालिम अलामोदी, अबदो बिन तुय्यब, साजिद बिन हुसैन यमानी,मुहसिन बिन मुहम्मद यमानी,

सय्यद अकबर अबदुलक़ादिर, आबिद बिन अबदाला, सुलेमान बिन मुहम्मद, अली बिन मुहम्मद बाओम, अहमद बिन अली, सईद कसादी ने उसमान बिन मुहम्मद अलहाजरी के हमराह जनाब ज़ाहिद अली ख़ां को बताया कि मुक़ामी अवाम जिन का ताल्लुक़ शरीफ़ नगर , कुत्ता पेट, सलाला और बारकस से है मस्जिद के साथ साथ मस्जिद के तहत मौजूद ओक़ाफ़ी अराज़ी के तहफ़्फ़ुज़ की भी जद्द-ओ-जहद कररहे हैं।

वफ़दमें शामिल अफ़राद ने ऐडीटर सियासत से ख़ाहिश की कि वो इस सिलसिला में आंधरा प्रदेश रियास्ती वक़्फ़ बोर्ड से नुमाइंदगी करते हुए वक़्फ़ बोर्ड को 1953-54-ए-के सर्वे रेकॉर्ड्स निकालने केलिए राज़ी करवाईं ताकि इस रिकार्ड के ज़रीया मस्जिद के तेहत मौजूद हक़ीक़ी अराज़ी की तफ़सीलात मंज़रे आम पर आसके। मुक़ामी अवाम ने बताया कि लैंड गिरा बरस की मुनज़्ज़म साज़िश को बाअज़ गोशों की पुश्तपनाही हासिल है जिस के सबब लैंड गिरा बरस मस्जिद को शहीद करने की मज़मूम हरकत केलिए आमादा हुए।

जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ने वफ़द के अरकान को इस बात का तीक़न दिया कि वो इस सिलसिला में वक़्फ़ बोर्ड और हुकूमत से नुमाइंदगी करते हुए ख़ाहिश करेंगे कि मस्जिद के क़दीम रेकॉर्ड्स का जायज़ा लेने के बाद मस्जिद की तामीर का आग़ाज़ किया जाय। उन्हों ने बताया कि मस्जिद की तामीर के साथ साथ ओक़ाफ़ी जायदाद का तहफ़्फ़ुज़ भी एहमीयत का हामिलहै।

वफ़द के अरकान ने बताया कि 1958 का रिकार्ड पेश करते हुए अवाम को गुमराह किया जा रहा है कि सिर्फ क़दीम मस्जिद के इलावा माबक़ी अराज़ी ख़ानगी है। जबकि क़दीम क़ुतुब शाही मस्जिद के 1953-54 के रेकॉर्ड्स के मंज़रे आम पर लाए जाने से कई हक़ायक़ जो अब तक पोशीदा हैं वो खुल कर सामने आसकते हैं।

मुक़ामी अवाम ने सदर नशीन वक़्फ़ बोर्ड से भी अपील की कि वो भी मस्जिद की तामीर के साथ साथ अतराफ़-ओ-अकनाफ़ की अराज़ी से मुताल्लिक़ दस्तावेज़ात के हुसूल पर ख़ुसूसी तवज्जा मर्कूज़ करें ताकि अरसा-ए-दराज़ से मुक़ामी अवाम जो कि ईदगाह और क़ब्रिस्तान की अराज़ी के लिए नुमाइंदगी कररहे हैं उन के मुतालिबा को भी इस जायदाद के वक़्फ़ होने की सूरत में पूरा किया जा सके।