महंगाई, रिश्वत सतानी और स्क़ामस से हिंदूस्तान का मुतमव्विल मौक़िफ़ कमज़ोर

नई दिल्ली 28 अक्टूबर (पी टी आई) हिंदूस्तान में महंगाई, रिश्वत सतानी और स्क़ामस के बढ़ते हुए वाक़ियात ने इस के मुतमव्विल मौक़िफ़ को आलमी सतह पर कमज़ोर कर दिया है।

फ़ोर्ब्स मैगज़ीन के मुताबिक़ हिंदूस्तान का अमीर तरीन मौक़िफ़ मुतास्सिर हुआ है जबकि इस मलिक के 100 दौलतमंद आदमीयों का मुक़ाबला गुज़श्ता साल के बनिसबत 20 फ़ीसद घट गया है।

फ़ोर्ब्स के मुताबिक़ सालाना हिंदूस्तानी अमीर तरीन अफ़राद की फ़हरिस्त में जुमला मलिक के अमीर तरीन अफ़राद की दौलत में 241 बिलीयन अमरीकी डालर की गिरावट दर्ज की गई। इस का मतलब ये हुआ कि दुनिया के अमीर तरीन अफ़राद के मुक़ाबिल हिंदूस्तान के दौलत मंदों का फ़ीसद घट गया है।

मौजूदा तौर पर एक दर्ज से 57 अफ़राद के दरमयान खरब पति की तादाद घट गई है। स्टाक मार्किट और करंसी की क़ीमतों में गिरावट की वजह से उन अमीर अफ़राद की दौलत में कमी आई है।

मुकेश अंबानी जो रिलाइंस इंडस्ट्री ग्रुप की क़ियादत करते हैं, ने हिंदूस्तान के दौलतमंद आदमी होने की हैसियत से अपना मौक़िफ़ बरक़रार रखा है। इन की जुमला दौलत 22.6 बिलीयन अमरीकी डालर है। जबकि उन की दौलत में गुज़श्ता एक साल के दौरान 4.4 बिलीयन अमरीकी डालर की गिरावट दर्ज की गई है।

फ़ोर्ब्स ने कहा कि मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनील अंबानी भी डालर के मुक़ाबिल अपनी दौलत खोदेने के सफ़ में शामिल हैं। अनिल अंबानी की ख़ालिस दौलत 7.4 बिलीयन से घट कर 5.5 बिलीयन अमरीकी डालर होगई है और वो 2004-ए-से अब पहली मर्तबा टाप 10 की फ़हरिस्त से हट गए हैं।

अब इन का 13 वां रैंक ही। बर्क़ी पैदा करने वाले लैंको इन्फ़िरा टेक के मधु सूदन राओ को भी शदीद धक्का पहुंचा है। गुज़श्ता एक साल के दौरान उन की दौलत का तख़मीना 78 फ़ीसद घट गया है। मुकेश अंबानी के बाद स्टील के बेताज बादशाह लक्ष्मी मथल और टैक्नालोजी के माहिर अज़ीम प्रेम जी इस दौलतमंद अफ़राद की फ़हरिस्त में दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं।

जिन की दौलत बिलतर्तीब 19.2 बिलीयन अमरीकी डालर और 13 बिलीयन अमरीकी डालर है। सर-ए-फ़हरिस्त पाँच दौलत मंदों में मुकेश अंबानी, लक्ष्मी मथल और अज़ीम प्रेम जी के बाद ऐसर ग्रुप के शशी और रवी रोजा और पी जंदाल ग्रुप के सावित्री जंदाल हैं।

फ़ोर्ब्स मैगज़ीन ने अपनी सालाना रिपोर्ट में हिंदूस्तान के दौलतमंद मौक़िफ़ और यहां के अमीर तरीन अफ़राद की फ़हरिस्त में गिरावट की असल वजह अस्क़ामस और महंगाई के इलावा बदउनवानीयाँ बताई है।