हैदराबाद 3 जून ( सियासत न्यूज़) हुकूमत ने पहले ही से मसाइल से दोचार और ओहदेदारों की कमी के सबब अदम कारकर्दगी का शिकार महकमा अक़लीयती बहबूद को अमलन माज़ूरीन और मुअम्मरीन के इदारा के हवाला कर दिया है। अक़लीयती बहबूद के दो अहम इदारों के इंचार्ज की हैसियत से हुकूमत ने माज़ूरीन और मुअम्मरीन की भलाई के इदारा के डायरेक्टर का तक़र्रुर किया है।
इस सिलसिला में चीफ़ सेक्रेट्री पी के मोहंती ने जी ओ आर टी 2452 जारी किया। सी प्रभाकर आई ए एस डायरेक्टर बहबूद माज़ूरीन और मुअम्मरीन हैदराबाद को कमिश्नर डायरेक्टर अक़लीयती बहबूदी और नायब सदर नशीन और मैनेजिंग डायरेक्टर अक़लीयती फाइनेंस कारपोरेशन के ओहदों की ज़ाइद ज़िम्मेदारी दी गई है।
एम ए वहीद की वज़ीफ़ा पर सुबुकदोशी के बाइस ये ओहदे ख़ाली हुए। बताया जाता है कि जलाल उद्दीन अकबर आई एफ़ एस ने अक़लीयती मालीयाती कारपोरेशन में ख़िदमात अंजाम देने से इनकार कर दिया जबकि अहमद नदीम आई ए एस भी कमिश्नर अक़लीयती बहबूद की हैसियत से ख़िदमात अंजाम देने तैयार नहीं हैं।
आख़िरकार चीफ़ सेक्रेट्री ने बहबूदी माज़ूरीन और मुअम्मरीन इदारा के डायरेक्टर सी प्रभाकर आई ए एस को इन दोनों इदारों की ज़ाइद ज़िम्मेदारी सौंप दी है। वाज़ेह रहे कि अक़लीयती बहबूद के दीगर दो इदारे वक़्फ़ बोर्ड और उर्दू एकेडेमी की ज़ाइद ज़िम्मेदारी दो ओहदेदार सँभाले हुए हैं।
आख़िर हुकूमत अक़लीयती इदारों के साथ कब तक इस तरह का सुलूक करेगी और मुस्तक़िल ओहदेदारों का तक़र्रुर करने में क्या चीज़ मानी हैं। यूं तो हुकूमत के पास ओहदेदारों की कमी नहीं फिर भी तक़र्रुर का ना किया जाना हुकूमत की अदम दिलचस्पी को ज़ाहिर करता है।
इसी दौरान वज़ीरे अक़लीयती बहबूद अहमदुल्लाह ने बताया कि हुकूमत एम ए वहीद की ख़िदमात महकमा अक़लीयती बहबूद में किसी और अंदाज़ में हासिल करने पर ग़ौर कर रही है।