हुकूमत के नामज़द ओहदों पर तक़र्रुरात के लिए एक तरफ़ बरसरे इक़्तेदार पार्टी के क़ाइदीन सरगरदां हैं तो दूसरी तरफ़ बाअज़ रिटायर्ड ओहदेदार दोबारा सरकारी ओहदों पर किसी ना किसी तरह फ़ाइज़ होने की कोशिश कर रहे हैं।
चीफ़ मिनिस्टर के दफ़्तर के ज़राए ने बताया कि हालिया अर्सा में मुख़्तलिफ़ मह्कमाजात और खासतौर पर महकमा अक़लीयती बहबूद में अहम ओहदों से सुबुकदोश होने वाले कई ओहदेदार मुख़्तलिफ़ वुज़रा और सियासी क़ाइदीन की सिफ़ारिशात के साथ चीफ़ मिनिस्टर के दफ़्तर रुजू हो रहे हैं ताकि उन्हें अक़लीयती बहबूद के मुख़्तलिफ़ इदारों में फ़ाइज़ किया जा सके।
बताया जाता है कि महकमा के बाअज़ आला ओहदेदारों की भी उन अफ़राद को ताईद हासिल है। इन रिटायर्ड ओहदेदारों की ख़ाहिश है कि हुकूमत तक़र्रुरात से मुताल्लिक़ शराइत में नरमी करते हुए अक़लीयती इदारों में उन्हें ख़िदमत का मौक़ा दे।
मुख़्तलिफ़ वुज़रा और सियासी क़ाइदीन के सिफ़ारिशी ख़ुतूत के साथ उन के बायो डाटा चीफ़ मिनिस्टर के दफ़्तर में पाए गए और चीफ़ मिनिस्टर ने अभी तक इस जानिब कोई तवज्जा नहीं की। वो नामज़द ओहदों पर पार्टी क़ाइदीन के तक़र्रुरात का अमल जल्द शुरू करने के हक़ में हैं। देखना ये है कि पार्टी क़ाइदीन और रिटायर्ड ओहदेदारों में कामयाबी किस के हाथ लगेगी।