महबूबनगर बस हादसा: वॉल्वो बस के डिज़ाइन में नुक़्स आतिशज़दगी का सबब

आंध्र प्रदेश पुलिस के क्राईम इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट ( सी आई डी ) ने कहा कि पिछ्ले साल 30 अक्टूबर को महबूबनगर के पालम टाउन के क़रीब पेश आए लकसररी बस हादसा की तीन अहम वजूहात में वॉल्वो बसों का डिज़ाइन भी शामिल है।

दौराने सफ़र इस बस को आग लगने के नतीजे में कम से कम 45 मुसाफ़िर हलाक होगए थे। ऐडीशनल डायरेक्टर जनरल पुलिस ( सी आई डी ) पी कृष्णा प्रसाद ने यहां अख़बारी नुमाइंदों से कहा कि सी आई डी की तहक़ीक़ात से पता चला है कि वॉल्वो बसों के डिज़ाइन में नक़ाइस हैं जिस के सबब ये बस यहां की सड़कों पर चलने के क़ाबिल नहीं है।

ये हमारी तहक़ीक़ है और हम हकूमते हिन्द को इस ज़िमन में लिखेंगे। हम बहुत जल्द एक चार्ज शीट भी दायर करेंगे जिस में वॉल्वो बस कंपनी को भी मुक़द्दमा का एक मुल्ज़िम बनाया जाएगा।

कृष्णा प्रसाद ने वॉल्वो बसों के पुरनक़स डिज़ाइन, सड़कों की ग़लत इंजीनीयरिंग और ड्राईवर की ग़फ़लत भी इस हादसे की तीन अहम वजूहात में शामिल हैं जिस की दौरान तहक़ीक़ात निशानदेही हुई है।

30 अक्टूबर 2013 की शब आंध्र प्रदेश के ज़िला महबूबनगर में पालम के क़रीब क़ौमी शाहराह नंबर 44 के क़रीब एक छोटे तालाब की हिसार से टकराने के सबब ख़ानगी ऑप्रेटर जब्बार ट्रेवल्स की तरफ से चलाई जाने वाली वॉल्वो बस शोला पोश होगई थी जिस में सवार 45 मुसाफ़िरिन ज़िंदा झुलस कर फ़ौत होगए थे, इन में 19 सॉफ्टवेर इंजीनियर थे जिन की लाशें ख़ाकसतर होचुकी थीं।

सी आई डी के मुताबिक़ वॉल्वो बस का डिज़ाइन कुछ इस तरह का है कि 300 लीटर का बड़ा फ़्यूल टैंक, बयाटरी कम्पार्टमेंट से इंतिहाई क़रीब है जिस से बस की दाएं तरफ सड़क से उस की बहुत ज़्यादा क़ुरबत होती है।

ग़ालिबन यही वजह थी कि हिसार से टकराने के बाद वहां नसब शूदा आहनी पाइप टूट गया और बस में घुस गया जिस के नतीजे में बयाटरी कम्पार्टमेंट से चिनगारियां निकल पड़ें जो प्लास्टिक से बनी हुई ईंधन टैंक में आग लगने का सबब बनी।

कृष्णा बाबू ने कहा कि हिसार से टूट कर बस में घुसने पाइप ने बस में ईंधन फैलाने का काम किया। सारी बस का अंदरूनी हिस्सा
पी वे सी मीटरील का बना हुआ था जो इंतिहाई इश्तिआल अंगेज़ होता है और ना सिर्फ़ जलद आग को पकड़ता है बल्कि बहुत तेज़ी से आग फैलाता है।

बस में ज़्यादा से ज़्यादा मुसाफ़िरिन को भरते हुए ज़्यादा से ज़्यादा माल बटोरने के मक़सद से बस के अंदरूनी डिज़ाइन में मालकीयन और ऑप्रेटर ने तरमीम की थी और क़वाइद की ख़िलाफ़वरज़ी करते हुए एमरजेंसी एग्ज़िट डोरिस को मुसाफ़िर सीटों के ज़रीये बंद कर दिया गया था।

उन्होंने कहा कि बस तैयार करनेवाली कंपनी वॉल्वो, बस मालकीयन देवाकर रोड लाइसेंस और बस ऑप्रेटर जब्बार ट्रेवल्स ने इस बस को इंसानी ज़िंदगी के लिए इंतिहाई ख़तरनाक बनादिया था।

उन्होंने कहा कि तहक़ीक़ात ने बता दिया कि जब्बार ट्रेवल्स और देवाकर रोड लाइसेंस के मालकीयन ने मुख़्तलिफ़ तवारीख़ पर तहरीर करदा जाली लीज़ एग्रीमेंट तैयार किए थे।

इस दौरान आंध्र प्रदेश सी आई डी ने जो इस बस के हादसे की तहक़ीक़ात कररही है, दो अफ़राद को गिरफ़्तार करलिया जिस में कांग्रेस के रुकने असेंबली और साबिक़ वज़ीर जैसी देवाकर रेड्डी के भाई जैसी प्रभाकर रेड्डी की बीवी जैसी ओमा रेड्डी और मैनेजर यसीन अबदुर्रहमान को गिरफ़्तार करलिया।

देवाकर रोड लाइसेंस की ओनर की हैसियत से ओमा रेड्डी का नाम दर्ज है। कृष्णा प्रसाद ने कहा कि इन दो गिरफ़्तारीयों के साथ गिरफ़्तार शुदगान की तादाद 9 तक पहुंच गई है जिन में ड्राईवर फ़िरोज़ बाशा और जब्बार ट्रेवल्स के एक मालिक शाहीन जब्बार और चंद मुलाज़िमीन भी शामिल हैं