महमूद मदनी के मुताबिक भारत का बहुसंख्यक समाज हमेशा से रहा है धर्मनिरपेक्ष

नयी दिल्ली : देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव महमूद मदनी ने गुरुवार को कहा कि भारत का बहुसंख्यक समाज हमेशा से धर्मनिरपेक्ष रहा है और आज भी है इसलिए मुस्लिम समुदाय या किसी दूसरे को देश के मौजूदा हालात को लेकर मायूस नहीं होना चाहिए.

ताजमहल, टीपू सुल्तान, राष्ट्रगान और कुछ अन्य विषयों पर चलने वाली बहस को मूर्खतापूर्ण और पागलपन करार देते हुए मदनी ने कहा, इस तरह की बहस से हमारे समाज और देश का कोई भला नहीं होने वाला है. समाज और देश की तरक्की शांति और भाईचारे से होगी. ऐसे में हमें शांति और एकता पर जोर देना चाहिए. इसी मकसद से हम सम्मेलन भी कर रहे हैं.

उन्होंने कहा देश की हालात चिंताजनक हैं, लेकिन मायूस होने की जरुरत नहीं है क्योंकि हमारे यहां सामाजिक तानाबाना बहुत मजबूत है और सिविल सोसायटी भी काफी मजबूत है. इसलिए देश को खतरा नहीं है. ऐसे मैं मुस्लिम समुदाय और दूसरे लोगों से यह कहना चाहता हूं कि मायूस होने की जरुरत नहीं है. नेता आते-जाते रहते हैं, लेकिन समाज और देश अपनी जगह बना रहेगा.

उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमानों से जुड़े मुद्दों को लेकर अगर जरूरत पड़ी तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फिर मुलाकात करेंगे. मदनी के नेतृत्व में एक मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल ने इस साल नौ मई को मोदी से मुलाकात की थी. आगामी रविवार को शांति एवं एकता सम्मेलन करने जा रहे मदनी ने आज यहां कहा, देश में कुछ लोग चीजों को जिस तरह से पेश कर रहे हैं, वो सही नहीं है.

उन्होंने कहा, मेरा यह भी कहना है कि किसी राजनीति दल के शॉर्ट टर्म पोलिटकल एजेंडे की वजह से देश का नुकसान नहीं होना चाहिए. यह पूछे जाने पर मुस्लिम समुदाय से जुड़े मुद्दों को लेकर वह प्रधानमंत्री से मिलेंगे तो मदनी ने कहा, जरूरत पड़ी तो अपने मुद्दों को लेकर हम उनसे जरुर मिलेंगे. मदनी ने जम्मू-कश्मीर में बातचीत की केंद्र सरकार की पहल को स्वागत योग्य कदम बताया.