महाबोधि बम धमाका मुक़द्दमा, एन आई ए के सरबराह का इजलास

बोध गया में सिलसिला वार बम धमाकों का मुअम्मा एक माह गुज़रने के बाद भी हल करने से क़ासिर रहने पर एन आई ए के सरबराह शरदकुमार ने आज अपने महकमा के ओहदेदारों का और बिहार पुलिस के ओहदेदारों का एक इजलास तलब किया और उन्हें हिदायत दी कि तहक़ीक़ात में तेज़ रफ़्तार पैदा की जाये।

एन आई ए के सरबराह के इजलास के इनइक़ाद के मौके पर इंडियन मुजाहिदीन के मुआविन बानी यासीन भटकल और उन के क़रीबी बा एतिमाद साथी को बिहार पुलिस की एक टीम ने एन आई ए की टीम के साथ हिंद – नेपाल सरहद पर शहर राकसाल ज़िला मशरिक़ी चंपारण में गिरफ़्तार करलिया।

बंद कमरा के इस इजलास में फ़ैसला किया गया कि बाएं बाज़ू और दाएं बाज़ू के इंतिहा-ए-पसंद ग्रुपस पर गहरी निगरानी रखी जाये क्योंकि 7 जुलाई को बोध गया 10 धमाकों से दहल गया था। ज़राए के मुताबिक‌ एन आई ए के सरबराह के इलावा इजलास में शिरकत करने वालों में महकमा के इन्सपैक्टर जनरल सतीश कुमार, डी आई जी ज्योति नारायण, बिहार पुलिस के ओहदेदार मगध रानगे, डी आई जी नय्यर हुसैन ख़ान और गया के एस एस पी गणेश कुमार शामिल थे।

एन आई ए के सरबराह ने महाबोधि मंदिर का दौरा किया और बरसर मौक़ा सूरत-ए-हाल से वाक़फियत हासिल की। उनका दौरा बम धमाके मुक़द्दमा की तहक़ीक़ात में तेज़ रफ़्तार पैदा करने के मक़सद से था। इन सिलसिला वार बम धमाकों में दो बुध राहिब ज़ख़मी हुए थे। 3 बम दस्तयाब हुए थे जो फट नहीं सके थे।

राहिब के लिबास में मलबूस एक मुश्तबा शख़्स के दो ख़ाके एन आई के की जानिब से जारी किए गए थे। ताहम ताहाल कोई गिरफ़्तारी अमल में नहीं आ सकी। ये बम बुध मत के पैरो केलिए इंतिहाई मुक़द्दस समझे जाने वाले मुक़ाम उस दरख़्त के क़रीब नसब किए गए थे जिसके नीचे मुबय्यना तौर पर महात्मा गौतमबुद्ध को निर्वाण हासिल हुआ था।

वाक़ियात की संगीन नौईयत के पेशे नज़र चीफ़ मिनिस्टर बिहार नितीश कुमार ने मर्कज़ से ख़ुसूसी तौर पर दरख़ास्त की थी कि इन बम धमाकों की तहक़ीक़ात क़ौमी महकमा तहक़ीक़ात एन आई ए के सपुर्द करदी जाएं। चुनांचे मर्कज़ी हुकूमत ने इस मुक़द्दमा की तहक़ीक़ात एन आई ए के सपुर्द करदी थीं।