हैदराबाद 06 मार्च: महाराष्ट्रा ए टी एस की तरफ से हिरासत में लिए गए हैदराबादी नौजवान को आज रिहा कर दिया गया। ख़ानदानी ज़राए ने बताया कि शेख़ अक़ील सकिन बाज़ार घाट जिसे 28 फरवरी को इलाके रैड हिलज़ से महाराष्ट्रा ए टी एस ने हिरासत में लिया था, बताया जाता है कि हिरासत में अक़ील से महाराष्ट्रा इन्सिदाद-ए-दहशत गर्द इसकोड के ओहदेदारों ने ये मुसलसिल सवाल किया कि वो और उन के अरकान ख़ानदान महाराष्ट्रा के बेड़ से हैदराबाद साल 2007 में क्यों मुंतक़िल हुए।
ज़राए ने ये भी बताया कि अक़ील से मामूली सवालात किए गए और चंद नामालूम नौजवानों की तसावीर भी दिखाई गई। तहक़ीक़ात के बाद शेख़ अक़ील को रिहा करने पर अफ़राद ए ख़ानदान ने चैन की सांस ली चूँके दिलसुखनगर जुड़वां बम धमाकों के बाद कावनटर इंटेलीजनस सेल, स्पैशल इनवैस्टीगेशन टीम और महाराष्ट्रा ए टी एस ने शहर से कई नौजवानों को हिरासत में लेकर पूछगिछ की थी।
ज़राए ने बताया कि गुलशन इक़बाल कॉलोनी के नासिर और मीर इसहक़ अली को एस आई टी के ओहदेदारों ने हिरासत में लेकर बम धमाकों से मुताल्लिक़ तहक़ीक़ात कीं। इस दौरान गवर्नर आंध्र प्रदेश ई एस एल नरसिम्हन ने आज इंडियन मुजाहिदीन के मुबयना रुकन सयद मक़बूल की माफ़ी को मंसूख़ कर दिया।
चीफ़ मिनिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी ने वुज़रा और सीनीयर ओहदेदारों के मीटिंग में सयद मक़बूल को दी गई माफ़ी को मंसूख़ करने के लिए गवर्नर को फाईल रवाना की थी और आज गवर्नर ने इस फाईल पर दस्तख़त किए। वाज़िह रहे कि साल 1999 में इलाके सदी अंबर बाज़ार में वाक़्ये महालक्ष्मी जीवीलरस के मालिक महावीर प्रसाद मोदी का इस ने क़तल किया था और उसे उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई गई थी, लेकिन साल 2009 में जेल में अच्छे चाल चलन के बाइस हुकूमत ने उस की सज़ा माफ़ करते हुए उसे रिहा करने का हुक्म दिया था, लेकिन जेल से रिहा होने के बाद वो मुबयना तौर पर दुबारा सरगर्म होगया और पिछ्ले साल अक्टूबर में दिल्ली पुलिस की स्पैशल सेल ने उसे पुने बम धमाकों में मुलव्वस होने के इल्ज़ाम में गिरफ़्तार किया था और उसे तिहाड़ जेल में महरूस रखा गया।
दिलसुखनगर जुड़वां बम धमाकों के बाद सयद मक़बूल को नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी ने पाँच दिन की तहवील में लेकर उसे हैदराबाद मुंतक़िल किया था। तहक़ीक़ात मुकम्मल होने पर उसे कल दिल्ली वापिस ले जाया गया और तिहाड़ जेल भेज दिया गया।