महाराष्ट्र् में मुसलमानों को तहफ़्फुज़ात के फ़ैसला का खैरमक़दम

शाही इमाम मस्जिद फ़तह पूरी दिल्ली मुफ़्ती मुहम्मद मुकर्रम अहमद ने कल‌ नमाज़ जुमा से क़बल ख़िताब में मुसलमानों से अपील की कि माह-ए-मुबारक रमज़ान का इस्तिक़बाल रोज़ों और तरावीह के साथ करें और इस महीने में हर तरह की नेकियों का एहतिमाम करते हुए रयाकारी से बचें।

उन्होंने कहा कि 28 जून बरोज़ हफ़्ता 29 शाबान है लिहाज़ा चांद देखने का एहतिमाम करें और फ़तह पूरी क़दीम रूईयत हिलाल कमेटी के रूबरू मस्जिद फ़तह पूरी में शहादत पेश करें। मौलाना ने कहा कि मुफ़्ती-ए-आज़म रहमतुल्लाह अलैहि के ज़माना से फ़तह पूरी रूईयत हिलाल कमेटी ज़िम्मेदारी के साथ अपना फ़र्ज़ अदा कररही है।

शाही इमाम ने वज़ीर-ए-आज़म और मर्कज़ी हुकूमत-ओ-रियासती हुकूमतों के वज़रा से अपील की है कि रमज़ानुल-मुबारक में हर तरह की सहूलयात फ़राहम करें और दिन और रात में मुसलमानों को तहफ़्फ़ुज़ फ़राहम किया जाये ताकि वो रोज़ों और तरावीह को इबादत के माहौल में बेफ़िकरी के साथ अदा करें।

उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के मुसलमानों को पसमांदगी की बुनियाद पर तहफ़्फुज़ात की ज़रूरत है और बी जे पी को इस मुआमला में हालात का जायज़ा लेकर मुसलमानों को तहफ़्फुज़ात देने की मंज़ूरी देनी चाहिए। हुकूमत महाराष्ट्र ने मुसलमानों को 5 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात देने की बात कही है।

ये एक अच्छा फ़ैसला है और इस पर अमल होना चाहिए। शाही इमाम ने इस्लामी हुकूमतों और बैनुल-अक़वामी बिरादरी से भी अपील की कि रमज़ानुल-मुबारक में तशद्दुद का रास्ता छोड़ दिया जाये और मासूमों पर हमलों या जंग का माहौल ख़त्म होना चाहिए। ये रोज़ों, तरावीह , हमदर्दी और हुस्न-ए-सुलूक का महीना है, इस का एहतिराम सब को करना चाहिए।