महाराष्ट्र: अल्पसंख्यक छात्रों के प्रवेश के कानून के औचित्य को चुनौती

मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने अलग याचिकाएं सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिए जिनके इस कानून के कुछ प्रावधानों के संवैधानिक औचित्य को चुनौती दी जो इस बात की आवश्कता है कि अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान राज्य महाराष्ट्र में माइनॉरिटी स्टूडेंट्स की मनज़ोरा सीट शक्ति के 51 % से कम को प्रवेश न दिया जाए।

इन याचिकाओं के जरिए तर्क पेश किया गया कि कानून महाराष्ट्र गीरामदादी घरेलू पेशेवर निकायों के धारा 2 के तहत गीरामदादी अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को आंतरिक स्थिति से अल्पसंख्यक छात्रों मनज़ोरा सीटों के कम से कम 51% से कम प्रवेश देने की शर्त ” अवैध और गीरहस्तवरी ” है। हाईकोर्ट ने इन याचिकाओं को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया और उन्हें कतई सुनवाई के लिए 16 जून को डाल दिया। याचिका बैकपैकर से रफीक दादा और अनिल अनतवर्कर अनुसरण कर रहे हैं|