जलसों में अवाम की कसीर तादाद देख कर अपोज़िशन और शिवसेना रोने पर मजबूर
हरियाणा में अवाम की नहीं बेटों, भतीजों और दामादों की हुकूमत : नरेंद्र मोदी
वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी ने आज एक अहम बयान देते हुए कहा कि अपोज़िशन और बी जे पी की साबिक़ हलीफ़ जमात शिवसेना जिस ने उन पर इल्ज़ाम आइद किया है कि वो दिल्ली में अपना काम काज छोड़कर इंतेख़ाबी रैलियों में शिरकत पर तवज्जे दे रहे हैं, दरअसल इस लिए रो रहे हैं और परेशान हैं क्योंकि उन्होंने (मोदी) अवाम में मक़बूलियत की जो लहर पैदा की है वो शिवसेना नहीं करसकती।
नरेंद्र मोदी ने आई एन एल डी सरबराह ओम प्रकाश चौटाला पर भी तन्क़ीद की जहां उन्होंने कहा था कि वो तिहाड़ जेल में रहते हुए भी हरियाणा की हुकूमत चला सकते हैं। एक अवामी जलसे से ख़िताब करते हुए मोदी ने कहा कि लोक सभा इंतेख़ाबात के दौरान जब जब मुहिम चलाई गई तो उस वक़्त उन्होंने अवामी जलसों से ख़िताब किया।
उन्होंने अवाम को रोते हुए नहीं देखा लेकिन अब में ये देख रहा हूँ कि मेरे हरियाणा और महाराष्ट्र में अवामी जलसों में ख़िताब को देख कर लोग रो रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने अलबत्ता शिवसेना का नाम नहीं लिया जिस ने ये कहा था कि वज़ीर-ए-आज़म अपनी तमाम तर तवज्जे एक ऐसे वक़्त में महाराष्ट्र की जानिब मबज़ूल करचुके हैं जब जम्मू-ओ-कश्मीर में पाकिस्तानी अफ़्वाज शलबारी में मसरूफ़ है।
याद रहे कि मोदी ने कहा था कि अपोज़िशन और शिवसेना सिर्फ़ इस लिए परेशान हैं कि बी जे पी के जलसों में अवाम की कसीर तादाद देखी जा रही है और पार्टी लहर कांग्रेस को बहाकर ले जाएगी। शिवसेना ने नरेंद्र मोदी से ये सवाल भी किया था कि वज़ीर-ए-आज़म बनने के बाद उन्होंने अब तक महाराष्ट्र की तरक़्क़ी के लिए क्या काम किए।
यही नहीं बल्कि शिवसेना ने ये तक कहा था कि मोदी के बार बार रैलियों में शिरकत से महाराष्ट्र हुकूमत के खज़ाने पर बोझ आइद होरहा है। एन सी पी सरबराह शरद पवार ने भी मोदी की रैलियों पर सवालात उठाए थे। नरेंद्र मोदी ने ओम प्रकाश चौटाला पर भी दरपर्दा चोट करते हुए कहा था कि जो लोग जेल में हैं वो अपने आप को बेक़सूर साबित करने के लिए अदालत-ए-आलिया से रुजू होरहे हैं और ये भी कह रहे हैं कि जेल में रहते हुए हरियाणा की हुकूमत का काम काज सँभालेंगेगे।
मोदी के मुताबिक़ गुज़िश्ता 25 साल से हरियाणा में अवाम की हुकूमत नहीं रही बल्कि बेटों, भतीजों, भाँजों और दामादों की हुकूमत रही है जैसा कि ज़माना बादशाहत में हुआ करता था। अगर हर पाँच साल के बाद आने वाली नई हुकूमत अवाम का भला नहीं करसकती तो ऐसी हुकूमत का क्या फ़ायदा? क्या वो सिर्फ़ अपनी तिजोरियां भरने के लिए इक़्तेदार हासिल करते हैं? लिहाज़ा बी जे पी को एक मौक़े दिया जाये तो अवाम को अज़खु़द मालूम होजाएगा कि हम हुकूमत किस तरह चलाते हैं।