महाराष्ट्र हिंसा पर घमासान रुकने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को राज्यसभा में भी हिंसा का मामला उठा. बसपा, एनसीपी, सपा समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा.
एनसीपी नेता शरद पवार ने इस मुद्दे पर कहा कि ब्रिटिश की फौज में महार रेजमेंट थी, आज भी है. देश की रक्षा में सहयोग देने वाली रेजमेंट है. इस रेजमेंट ने पेशवा को हराया था. जहां हराया वहां दो साल से अपनी श्रद्धा से दलित समुदाय के लोग अपनी भावना व्यक्त करते हैं. मैं 50 साल से खुद जानता हूं. रास्ते में जितने भी गांव है, गांव वाले मदद करते हैं, सुविधा देते हैं.
शरद पवार ने कहा कि कुछ कम्युनल लोगों ने वहां जाकर, इन दोनों का नाम मैं लेना नहीं चाहता. इनके खिलाफ केस हुआ, जांच हो रही है इसलिए इन पर ज्यादा बोलना ठीक नहीं है. उन्होंने बताया कि दलित शख्स की समाधि पर हमला करने की कोशिश हुई.
एक तारीख को लाखों लोगों पर गए, पत्थरबाजी हो गई, अगर सबको मालूम था तो क्यों नहीं ध्यान दिया. इसलिए ये स्थिति पैदा हो गई. मैं अपील करता हूं, जो हो गया हो गया, समाज के दोनों लोगों को शांति लाने के लिए एक साथ आना चाहिए.
शिवसेना के संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में जो कुछ हो रहा है दुखद है. जो लोग ज्यादा बातें कर रहे हैं उन्हें इतिहास की जानकारी नहीं है. हालात और भी खराब हो सकते थे लेकिन राज्य सरकार ने प्रभावी तरीके से संभाल लिया. हिंदूवादी संगठनों पर ज्यादा आरोप लग रहे हैं