मुशरिफ जो अपनी किताब “आरएसएस- कंट्री’स ग्रेटेस्ट टेरर आर्गेनाईजेशन” [“RSS – Country’s Greatest Terror Organisation”] के बंगाली वर्शन को लांच करने के लिए रखे प्रोग्राम में पहुंचे थे ने देश में चल रहे जेएनयू मामले के पीछे भी आरएसएस की चाल होने की बात कही और कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ऐसी चालों के जरिये देश को हिन्दू राष्ट्र में तब्दील करना चाहता है।
इसके इलावा मुशरिफ ने कहा कि देश की सुरक्षा एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो भी आरएसएस के साथ मिलकर काम कर रहा है। इंटेलिजेंस ब्यूरो के ऐसी एजेंसी है जो अपने काम के लिए सरकार या किसी और को जवाबदेह नहीं है इसी बात का फायदा उठा कर इसका इस्तेमाल गलत तरीके से किया जा रहा है। सरकारें आती हैं और चली जाती हैं लेकिन आई.बी. अपने काम में जुटी रहती है और उसके हर बयान को सच माना जाता रहा है।
एस. एम. मुशरिफ की मशहूर पुस्तक करकरे के हत्यारे कौन ? [Who Killed Karkare?] भारत में “इस्लामी आतंकवाद” की फ़र्ज़ी धारणा को तोड़ती है। यह उन शक्तियों के बारे में पता लगाती है जिनका महाराष्ट्र ए टी एस के प्रमुख हेमंत करकरे ने पर्दाफ़ाश करने की हिम्मत की और आख़िरकार अपने साहस, और सत्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की क़ीमत अपनी जान देकर चुकाई। उनका कहना है कि ये “ब्राह्मणवादियों” का “ब्राह्मणवादी आतंकवाद” है, इस्लामवादियों का “इस्लामी आतंकवाद” नहीं…
उनकी दूसरी किताब 26/11 आतंकी हमले की जांच में न्यालय क्यों फेल हुआ भी काफी प्रसिद्द है.