मुंबई: महाराष्ट्र के अलग अलग शहरों और कस्बों में आरक्षण मांग के लिए मार्च निकाला जा रहा है. जिसमें लाखों लोग भाग ले रहे हैं. वहां के मुस्लिम, आरक्षण के प्रति अभी कितने संवेदनशील हो गए हैं, इसका अंदाजा मार्च में शामिल उनकी जबरदस्त भीड़ से लगाया जा सकता है. मार्च में शामिल लोगों के इस जनसमूह पर अब मीडिया भी ध्यान देने लगे हैं और उनकी बातों को सरकार तक पहुंचाने में मदद कर रहे हैं.
प्रदेश 18 के अनुसार, इस मार्च में मुस्लिम आरक्षण के साथ मुसलमानों के अन्य मुद्दों को लेकर भी आवाज बुलंद की गई. उदाहरण के तौर पर मुस्लिम पर्सनल हस्तक्षेप का विरोध, आतंकवाद के नाम पर मुस्लिम युवकों की गलत गिरफ्तारियां और जेएनयू से लापता नजीब अहमद के वापसी जैसे मुद्दे को प्राथमिकता दी गई.
मुस्लिम आरक्षण मार्च का उलेमाओं ने नेतृत्व की, जिसमे शहर के डॉक्टरों, अभियंताओं, वकीलों, शिक्षकों और आम जनता शामिल हुए. इसकी शुरुआत जिले के स्टेडियम से हुई जुमालीवेस, ढूँडीपुरा, बलभीम चौक, कारनजा, बशीर गंज, शिवाजी चौक, जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर समाप्त हुई. यहां स्कूल के चार छात्रों ने भाषण दिया. एक छात्र ने जिला कलेक्टर के सामने ज्ञापन पढ़कर सुनाया और सभी छात्रों ने मिलकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन प्रस्तुत किया. इसकी समाप्ति दुआ पढ़ कर किया गया.
बता दें किऐसा ही एक मार्च कल महाराष्ट्र के बीड में निकाला गया था. उसमें भी तीन लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया था.