महाराष्ट्र: भारत एक ऐसा देश है जहाँ राजनीतिक दल सत्ता में हो या सत्ता से बाहर लेकिन उस दल के नेता अपना रवैया नहीं बदलते। एक वक़्त था जब महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम अजीत पवार वहां पड़े सूखे से जूझ रहे परेशान लोगों की परेशानी का मज़ाक उड़ाया करते थे और उसी ताल पर नाचते हुए अब बीजेपी के राज्य के आदिवासी कल्याण मंत्री विष्णु सावरा ने भी कुपोषण से मर रहे लोगों पर टिप्पणी करते हुए कहा है ‘अरे भाई मर गए तो मर गए न. अब उसका क्या? कोशिश इसके आगे ऐसा न हो ये है। राज्य में कुपोषण से आदिवासियों की बढ़ती मौतों की संख्या को लेकर विष्णु सावरा का ये बयान तब सामने आया जब वह अपने चुनावी इलाके के दौरे पऱ थे।
एनसीपी नेता चित्रा वाघ का कहना है कि सावरा को अपना पद छोड़ देना चाहिए क्योंकि उनका ऐसा कहना सरकार की लापरवाही को व्यक्त करता है। आज इतनी बड़ी घटना जिसमें 600 बच्चे मर गए हैं और यह 15 दिन के बाद वहां गए हैं। आपको बता दें कि जहाँ राज्य सरकार का कहना है कि 1 अप्रैल 2015 से जुलाई 2016 तक 683 बच्चे कुपोषण के शिकार हो चुके हैं वहीँ विपक्ष का दावा है कि यह आंकड़े दोगुने हैं।