हिंगोली: गुरुवार, 26 जनवरी 2016 महाराष्ट्र के हिंगोली जिले की बास्मत तहसील में ‘सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ दंगा मुक्त महाराष्ट्र अभियान’ की एक व्यापक रैली का आयोजन किया गया। इस रैली को दा ग्रेट टीपू सुल्तान ब्रिगेड और बास्मत तहसील के निवासियों ने आयोजित किया था। इस रैली में जेएनयू से लापता मुस्लिम छात्र नजीब अहमद की माँ फातिमा नफीस भी शामिल हुयी।
इस रैली का मुख्य उद्देश्य दलित और अल्पसंख्यकों के ऊपर लगातार योजना बद्ध तरीके से हो रहे हमलों जैसे पुणे में मोहसिन शेख की हत्या, रोहित वेमुला की संस्थागत हत्या, नजीब के ऊपर हमला और उसे गायब करने की घटना, के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करना और इनके खिलाफ कार्यवाई करने की मांग थी।
यह रैली सुबह 11 बजे टीपू सुल्तान चौक से शुरू हुयी और जिला परिषद् ग्राउंड में एक सभा के रूप में संपन्न हुयी। इस रैली में शामिल हुए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इन घटनाओं पर सरकार और सरकारी एजेंसीयों के ढुलमुल रवय्ये की निंदा की। नजीब अहमद का मुद्दा इस रैली में एक मुख्य विषय रहा।
नजीब के मामले में सभी वक्ताओं ने जेएनयू प्रशासन और दिल्ली पुलिस के लचर रवय्ये की बेहद आलोचना की गयी। वक्ताओं का कहना था कि इस मामले में कार्यवाई जबरन देरी की गयी। जिससे मुख्य अभियुक्तों को बचाया जा सके।
नजीब की माँ फातिमा नफीस ने कहा कि दिल्ली पुलिस की कार्यवाई बेहद निराशाजनक है। जिन लोगों ने उनके बेटे के ऊपर जानलेवा हमला किया था वे आज भी आज़ाद घूम रहे हैं और जांच के नाम पर उनके करीबियों और रिश्तेदारों को परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि इस तरीके की घटनाएं आम मुसलमानों के दिल में डर पैदा कर उन्हें जेएनयू जैसे बड़े शिक्षण संस्थानों में जाने से रोका जा रहा है। लेकिन हमें डरने की ज़रूरत नहीं है बल्कि इन संस्थानों में अपनी भागीदारी बढ़ाने की ज़रूरत है।
रैली में शामिल जस्टिस बी जी कोलसे पाटिल ने कहा कि नजीब का मामला मोहसिन शेख और रोहित वेमुला की हत्या से अलग नहीं है। इन सभी मामलों में एक ही विचारधारा के हमलावर शामिल हैं। हमें ज़रूरत है कि हम इन लोगों के खिलाफ अपनी लड़ाई को और तेज़ करें।
आयोजकों ने दावा किया कि इस रैली में विभिन्न धर्म समुदायों के लगभग एक लाख लोगों ने हिस्सा लिया जिनमें सभी उम्र के पुरुष और महिलाएं शामिल थे।