महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में यहूदियों को अल्पसंख्यक दर्जा देने के प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दे दी। यह फैसला मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई बैठक में किया गया। फडणवीस ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने यहूदी समुदाय के अल्पसंख्यक दर्जे को मंजूरी दे दी। इस फैसले से इन समुदायों के छात्रों को राज्य सरकार से छात्रवृत्ति हासिल करने और अपना शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने में मदद मिलेगी।’’
इस कदम की घोषणा तत्कालीन महाराष्ट्र अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री एकनाथ खड़से ने की थी। इस कदम से राज्य में समुदाय के सदस्यों का जीवन आसान होने की उम्मीद है। आधिकारिक तौर पर अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा मिलने के बाद यहूदियों को अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की तरह कई विशेषाधिकार मिलेंगे। यहूदियों के लिए अपनी शादी का पंजीकरण कराना आसान हो जाएगा। वे अपना शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने और अपनी परंपरा और संस्कृति को बढ़ावा देने में भी सक्षम होंगे।
यहूदी 2300 साल से अधिक अवधि से भारत के समाज का हिस्सा हैं। वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में रहने वाले यहूदियों की संख्या 4650 है जिसमें से 2466 महाराष्ट्र में रहते हैं।