महाराष्ट्र में मुसलमानों को आरक्षण अदालत के निर्णय के आधार पर ही संभव: मुख्यमंत्री फडणवीस

मुंबई: आज महाराष्ट्र विधानसभा में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने सदन में मुस्लिम-आरक्षण के बारे में बयान देते हुए कहा कि यह मामला फिलहाल अदालत में विचाराधीन है और अदालत के निर्णय के आधार पर ही आरक्षण संभव होगा. लेकिन मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि धर्म के आधार आरक्षण संभव नहीं है और मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं दिया जाए जाएगा.

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प्रदेश 18 के अनुसार, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने ऐन चुनाव से पहले मुसलमानों और मराठाओं को आरक्षण देने की घोषणा की जो केवल चुनावी वादा था और उनकी नीयत ठीक नहीं थी. लेकिन मुसलमानों की सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक स्तिथि के लिए मौजूदा सरकार ने कई योजनाएं लागू की हैं और मदरसों और उनके विद्यार्थियों के लिए कई मनसूबों पर अमल किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अगर अदालत ने मुसलमानों के आरक्षण के पक्ष में फैसला दिया तो उस फैसले को चेलैंज नहीं किया जाएगा.
इस संबंध में अल्पसंख्यक मामलों के पूर्व मंत्री आरिफ नसीम खान ने कहा कि मुख्यमंत्री फडणवीस का बयान झूठ का पुलिंदा है और पिछली सरकार ने मुसलमानों और मराठाओं को आरक्षण कानूनी दायरे में रह कर दिया था, लेकिन वर्तमान सरकार की नीयत में खोट नजर आ रही है. उन्होंने आगे कहा कि मुसलमानों को उनका हक मिलना चाहिए और भविष्य में कानूनी तौर पर ऐसा हो जाएगा. क्योंकि अदालत पहले मुसलमानों को शैक्षिक स्तर पर प्रतिशत आरक्षण का आदेश दे चुकी है, लेकिन मौजूदा सरकार की निति ने इस संबंध में ठीक नहीं है.