महाराष्ट्र में 12 नाबालिग आदिवासी छात्राओं से रेप, तीन छात्राएं गर्भवती

मुंबई: महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के खामगांव में निनाजी कोकरे की एक आश्रमशाला (आवासीय स्कूल) एक अनुदानित स्कूल है, जो आदिवासी इलाका हिवरखेड में है. इस स्कूल में कई नाबालिग छात्राएं अध्यापक और स्कूल कर्मचारियों की हवस का शिकार बन गई हैं. आश्रमशाला में करीब 12 नाबालिग आदिवासी छात्राओं से रेप हुआ है.इनमें से तीन गर्भवती बताई जा रही हैं. पुलिस ने इस मामले में हेडमास्टर और संस्था के चेयरमैन सहित 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इनमें से सात स्कूल के टीचर हैं. स्कूल की मान्यता भी रद्द कर दी गई है.

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अमर उजाला के अनुसार, इस मामले पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि यह घटना अत्यंत गंभीर है. मामले की जांच के लिए महिला आईपीएस स्वाती खेडेकर की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई है. साथ ही राज्य की सभी अनुदानित और गैर अनुदानित आश्रमशालाओं की जांच के आदेश दिए हैं.

उन्होंने कहा कि जिस आश्रमशाला में कोताही पाई जाएगी उसकी मान्यता रद्द की जाएगी. इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी. उधर, राज्य के आदिवासी विकास मंत्री विष्णु सावरा ने शुक्रवार को खामगांव का दौरा कर कहा कि स्कूल की मान्यता रद्द कर दी गई है.
इस बीच, एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने मुख्यमंत्री, आदिवासी मंत्री और महिला बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे से नैतिक आधार पर इस्तीफे की मांग की है.
वहीं, आरोपियों की धरपकड़ के बाद पुलिस ने सिर्फ एक आरोपी पर रेप की धारा लगाई है.
बुलढाणा के एसपी संजय बाविसकर के अनुसार अब तक की जांच से पता चला है कि एक चपरासी इत्तू सिंह पवार ने 13 साल की एक लड़की के साथ रेप किया. सभी अभिभावकों से जांच में सहयोग की अपील की गई है.

स्कूल के हेडमास्टर दिगंबर कामत और स्कूल की संस्था के चेयरमैन गजानन कोकरे सहित अन्य के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है. पुलिस इस मामले में स्कूल की दूसरी बच्चियों से भी पूछताछ कर रही हैं. फिलहाल, स्कूल में छुट्टी है.

स्कूल में नाबालिग छात्राओं के साथ हुई घिनौनी हरकत की खबर तब सामने आई जब दीवाली की छुट्टी में जलगांव की एक छात्रा अपने घर आई. पीड़िता को पेट में दर्द शुरू हो गया. जब परिजनों ने उससे जोर देकर पूछा तब उसने दरिंदगी की पूरी दास्तान मां-बाप को बताई. उसने बताया कि कैसे स्कूल के शिक्षक और कर्मचारी लगातार उसका यौन शोषण कर रहे हैं.

यहां छात्राओं को पहली से दसवीं तक की शिक्षा दी जाती है. इस स्कूल में करीब 300 से ज्यादा लड़के-लड़कियां पढ़ते हैं. गरीब आदिवासी बच्चे वहीं रहकर पढ़ते हैं जिस लड़की के साथ रेप की घटना हुई उसकी उम्र 12 साल के करीब है.