हैदराबाद 26 अप्रैल: हज हाउज़ में अइम्मा और मैज़नीन को एज़ाज़िया की इजराई की तक़रीब में उस वक़्त सनसनी दौड़ गई जब बरसर-ए-इक्तदार टीआरएस के रुकन क़ानूनसाज़ कौंसिल एमएस प्रभाकर ने अक़लियती बहबूद में बड़े पैमाने पर करप्शन और घोटालें का इल्ज़ाम आइद करते हुए डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर से तहक़ीक़ात का मुतालिबा किया।
एमएस प्रभाकर के इस ग़ैर मुतवक़्क़े और संगीन इल्ज़ाम पर डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर और दुसरे अवामी नुमाइंदे ख़ुद भी हैरत में पड़ गए। सेक्रेटरी अक़लियती बहबूद सय्यद उम्र जलील महिकमा पर इल्ज़ामात से नाराज़ हो कर तक़रीब से चले गए और उन्होंने डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर से ख़ाहिश की के उन्हें फ़ौरी तौर पर अक़लियती बहबूद से सबकदोश कर दिया जाये।
सय्यद उम्र जलील के इस इक़दाम से अवामी नुमाइंदे और सामईन हैरत में पड़ गए और उन्हें किसी तरह समझा मनाकर दुबारा स्टेज पर लेजाया गया। वो तक़रीब से जल्द ही रवाना हो गए। बाद में डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर ने उन्हें हज हाउज़ दुबारा तलब करते हुए समझा बुझाकर मुआमले को रफ़ा दफ़ा किया।
इस तरह तक़रीबन एक घंटे तक ये ड्रामा बाज़ी चलती रही। डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर की मौजूदगी में इस तरह माईक पर एलान करते हुए स्टेज से उतर जाना प्रोटोकोल की ख़िलाफ़वरज़ी तसव्वुर किया जा रहा है। इस इक़दाम से सेक्रेटरी अक़लियती बहबूद ने ख़ुद अपने लिए मसाइल में इज़ाफ़ा कर लिया है।
अक़लियती बहबूद में करप्शन के इल्ज़ामात के अलावा एमएस प्रभाकर ने ओहदेदारों के बीच दाख़िली इख़तेलाफ़ात का मसला उठाया। उन्होंने कहा कि ओहदेदार कुर्सी के लिए आपस में लड़ रहे हैं और रक़ूमात के लिए भी लड़ाई जारी है। अक़लियती बहबूद की ये सूरते हाल इंतेहाई शर्मनाक है।
एमएस प्रभाकरने दावा किया कि वो अक़लियती बहबूद के इदारों और ओहदेदारों के बारे में जो इल्ज़ामात आइद कर रहे हैं , वो साबित कर सकते हैं। एमएस प्रभाकर इस बात पर नाराज़ थे कि अक़लियती बहबूद के इदारों की तरफ से उन्हें तक़ारीब में नजरअंदाज़ किया जा रहा है जबकि प्रोटोकोल के हिसाब से उन्हें मदऊ करना ज़रूरी है।
उन्होंने कहा कि वो बिन बुलाए मेहमान की तरह हैं। मैं हैदराबाद में पैदा हुआ और सियासी ज़िंदगी का आग़ाज़ भी हैदराबाद से हुआ। मेरे वालिद एम आर शाम राव रियासत के वज़ीर थे और अहम क़ाइद रहे। वो अक़लियतों से काफ़ी क़रीब थे। वालिद उर्दू ज़बान से अच्छी तरह वाक़िफ़ थे क्युं कि उनकी तालीम उर्दू में हुई थी।
उन्होंने कहा कि महिकमा अक़लियती बहबूद की तरफ से उन्हें पिछ्ले तीन चार प्रोग्रामों में मदऊ नहीं किया गया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या अक़लियती बहबूद के प्रोग्रामों में ग़ैर अक़लियत को शिरकत का हक़ नहीं है? उन्होंने महिकमा में करप्शन और ओहदेदारों में आपसी इख़तेलाफ़ात का हवाला दिया।
उन्होंने कहा कि क्या अइम्मा और मैज़नीन के प्रोग्राम में हिंदू शिरकत नहीं कर सकते? एमएस प्रभाकर की ब्रहमी के बाद सेक्रेटरी अक़लियती बहबूद सय्यद उम्र जलील ने मदऊ ना किए जाने पर माज़रत ख़्वाही की। डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर मुहम्मद महमूद अली ने कहा कि महिकमा अक़लियती बहबूद में 90 फ़ीसद काम अच्छा है।
बाज़ ख़ामियाँ ज़रूर मौजूद हैं। शादी मुबारक और बाज़ दुसरे स्कीमात में घोटालें की शिकायात मिली हैं। सेक्रेटरी अक़लियती बहबूद को जब दुबारा हज हाउज़ तलब किया गया तो डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर से उन्होंने शिकायत की के अब तक घोटालें के बारे में अख़बारात लिख रहे थे लेकिन अब तो मुआमला बरसर-ए-आम हो चुका है। लिहाज़ा मुझे अक़लियती बहबूद से छुट्टी देदी जाये।