महिकमा पोलीस की समाजी बुराईयों के ख़िलाफ़ मख़सूस मुद्दत तक ही मुहिम से मसले का हल नामुमकिन

हैदराबाद । 3 दिसंबर : (ख़ुसूसी रिपोर्ट) हैदराबाद पुलिस की जानिब से हालत-ए-नशा में गाड़ी चलाने वालों के ख़िलाफ़ इन दिनों मुहिम चलाई जा रही है,ताकि बाक़ौल पोलीस कमिशनर अबदुलक़य्यूम ख़ान ,सड़क हादिसात पर क़ाबू पाया जा सके । इस मुहिम के नाम पर गुज़शता एक हफ़्ते के दौरान 350से ज़ाइद मुक़द्दमात दर्ज किए गए और मुताल्लिक़ा अफ़राद से जुर्माने और चालान के नाम पर अच्छी ख़ासी रक़म एठी जा चुकी है।

मगर सवाल ये है कि महिकमा पोलीस समाजी सतह पर पाई जाने वाली बुराईयों और क़ानून की ख़िलाफ़वरज़ी करने वाले अफ़राद के ख़िलाफ़ महज़ एक मख़सूस मुद्दत के दौरान ही नींद से बेदार क्यों होती है और उनकी कार्यवायां चार दिन की चांदनी ,फिर अंधेरी रात…वाला मुआमला क्यों साबित होता रहा है?। मसला चाहे शहर में मौजूद जुए के अड्डे का होया मैए नोशी का,ख़ुदसाख़ता आमिलों और काले जादोगरं का मसला होया सूदखोरों से गरीब अवाम को होने वाली परेशानी का …

महिकमा पोलीस चंद दिनों केलिए बेदार होताहै और जुर्माने के नाम पर जब उनका मालीयाती टार्गेट पूरा हो जाता है तो वो एसे ख़ामोश होजाते हैं ,गोया शहर में अब कोई मसला ही नहीं । दरअसल अवाम की अक्सरियत का ख़्याल है कि पोलीस किसी भी मसले के हल केलिए नहीं बल्कि उन मसलों की आड़ में सिर्फ अपने रे वीनू में इज़ाफे़ के लिए वक़फ़े वक़फ़े से मुख़्तलिफ़ उनवान से मुहिम चलाती है और अवाम को ये बावर कराने की कोशिश की जाती है कि पोलीस की मुहिम अवामी मफ़ाद में अंजाम दि जा रही है।

लेकिन अवाम का कहना है कि अगर फ़ीलवाके ऐसा है तो मज़कूरा बुराईयों के मुकम्मलख़ातमा तक मुहिम क्यों नहीं चलाई जाती? और किसी भी मुहिम के ख़ातमे के बाद मज़कूरा मुआमले की मुसलसल निगरानी क्यों नहीं की जाती? अगर रियासत में होने वाले सड़क हादिसात और चालान के दरमियान तक़ाबुली जायज़ा लें तो अवामी शकूक व शुबहात को मज़ीद तक़वियत हासिल होजाती है।

ट्रैफिक मसाइल के हल केलिए वजूद में आने वाला ये महिकमा , ट्रैफिक मसाइल और ट्रैफ़िक हादिसात के इंसिदाद में कितना फ़आल है ,इस बात का अंदाज़ा इस से लगाया जा सकता है कि 70 लाख के करीब आबादी वाले शहर हैदराबाद में साल 2009 ता 2011के दरमियान मजमूई तौर पर 794 ट्रैफिक हादिसात पेश आए जिसमें 300 अफ़राद हलाक होगए जबकि ज़ख़मी होने वालों की तादाद 7540द र्ज की गई है, दूसरी तरफ़ मज़कूरा मुद्दत के दौरान चालान के नाम पर 7,65,101केसेस दर्ज किए गए ,वाज़ेह रहे कि ई चालान इसके इलावा है जिसकी तादाद भी लाखों में है। शहर के मुख़्तलिफ़ समाजी और फ़लाही तनज़ीमों का कहना है कि जिस पाबंदी और मुस्तइद्दी के साथ ये महिकमा चालान और जुर्माने की क़वानीन पर अमल करता है अगर इतनी मुस्तइद्दी और संजीदगी से ट्रैफिक मसाइल के हल परतवज्जो दे तो ट्रैफिक मसाइल के साथ साथ ट्रैफिक हादिसात में भी कमी दर्ज की जा सकती है।

मज़कूरा तनज़ीमों के मुताबिक़ ट्रैफिक हादिसात के अस्बाब में जहां लोगों की ट्रैफिक उसूलों से अदम वाक़फ़ियत और ट्रैफिक क़वानीन की ख़िलाफ़ वरज़ीयां शामिल हैं,वहीं उसे हादिसात के इंसिदाद के लिए महिकमा ट्राफिक की जानिब से मतलूबा इक़दामात पर संजीदगी से अमल आवरी ना किया जाना भी सब से अहम वजह है। उनका कहना कि आम तौर पर ट्रैफिक पोलीस का काम ट्रैफिक को सँभालना होता है मिगर अकसर देखा जाता है कि ट्रैफिक पोलीस का अमला ट्रैफिक पर कंट्रोल करने के बजाय किसी और मक़सद के लिए इधर उधर नज़रें दौड़ाता रहता है इस दौरान अगर ट्रैफिक जाम भी होजाए तो उन्हें परवाह नहीं,दिन में मुतअद्दिद बार ट्रैफिक जाम होने से आम शहरियों ,,सरकारी और ख़ानगी मुलाज़िमों और राहगीरों को सख़्त मुश्किलात का सामना करना पड़ता है।

ख़ासकर अफ़ज़ल गंज ,पुराना पुल चौराहा, नामपली चौराहा ,लक्कड़ी का पुल ,ख़ैरताबाद,पंजा गट्टा,हिमायत नगर ,रानीगंज ,बशीर बाग़ चौराहा ,इमली बन इस्टेशन के पास,पुराने शहर में बहादुर पूरा ,मदीना मार्किट ,चारमीनार, चढ़ाओ की मस्जिद चंदरायन गट्टा और मल्कपेट चौराहा के पास ट्रैफिक जाम रोज़ का मामूल बन चुका है। शहर के एक ताजिर ने बताया कि जगह जगह चौराहों के पास ट्रैफिक अमले के हाथ में कैमरा दे दिया गया है जो ट्रैफिक पर कंट्रोल करने के बजाय सिर्फ गाड़ियों की तस्वीरें खींचने मेंमसरूफ़ रहते हैं।

इसके इलावा जगह जगह रोक रोक कर किसी ना किसी बहाने से चालान के नाम पर हरासाँ कर ने की कोशिश की जाती है और अगर सौ पच्चास के ज़रीया उनकी मुट्ठी गर्म करदी जाय तो गाड़ी के सारे काग़ज़ात ख़ुदबख़ुद तमाम नक़ाइस से पा क होजाते हैं।शहर के मुख़्तलिफ़ समाजी और फ़लाही तनज़ीमों ने मज़कूरा महिकमा के आला ओहदेदारों से मुतालिबा किया है कि

चालान के नाम पर गैर ज़रूरी हरासाँ करने के बजाय ,तेज़ रफ़्तारि से गाड़ी चलाने वालों , ग़लत पार्किंग करने वालों,और रिश्वतखोर ट्रैफिकअमला के ख़िलाफ़ कार्रवाई करें और किसी भी समाजी बुराईयों के ख़िलाफ़ मुहिम को नेक नीयति के साथ चलाकर अवामी शऊर बेदार करें ,ये अवामी मफ़ाद के साथ साथ सड़क हादिसात प्रभी क़ाबू पाने में मददगार साबित होगा।