अदालत ने अपने हुक्म में कहा है कि महिलाओं की सिक्युरिटी के लिए बने कानूनों का गलत इस्तेमाल ससुराल वालों को चुप कराने के लिए किया जा रहा है। अदालत ने ऐसे मामलों में सख्ती की पैरवी करते हुए कहा कि अदालतें ऐसे गैरकानूनी व्यवहार को सख्त तरीके से रोकेंगी।
अदालत ने 70 साल की एक विधवा महिला को उसकी संपत्ति पर दोबारा से अधिकार दिए जाने का फैसला सुनाते हुए यह बात कही । महिला ने इल्ज़ाम लगाया था कि उससे अलग रह रही बहू जबरन उसके मकान में घुस आई है और वहां रह रही है।
अडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज कामिनी लॉ ने कहा कि इस केस से पता चलता है कि किस तरह महिलाओं की सिक्युरिटी के लिए बने खास कानूनों का गलत इस्तेमाल सिर्फ ससुराल वालों को चुप कराने या उन्हें डराने के लिए किया जा रहा है। अदालतें ऐसा दुरुपयोग नहीं होने दे सकतीं।
जज ने कहा कि यह कहने कि जरूरत नहीं है कि इन अनुचित और गैरकानूनी हरकतों को रोकने के लिए अदालतें जरूरी और प्रभावी तरीके से कदम उठाएंगी। अदालत ने बहू और उसके 2 बच्चों (दोनों बालिग) को शांति से 6 महीने के भीतर शास्त्री नगर में अपनी सास की प्रॉपर्टी खाली करने का हुक्म दिया.
You must be logged in to post a comment.