महिलाओं को मंदिर जाने से रोका तो जेल में डाल देंगे: हाईकोर्ट

महाराष्ट्र में महिलाओं को अब मंदिरों में जाने से अब कोई नहीं रोक सकता क्योंकि बंबई हाईकोर्ट  ने आज ही यह आदेश जारी किया है कि किसी भी धार्मिक जगह पर जाना उनका मौलिक अधिकार है और इसकी रक्षा करना सरकार की ड्यूटी है। सीनियर एडवोकेट नीलिमा वर्तक और सोशल एक्टिविस्ट  विद्या बल ने इस मामले में पीआईएल दायर की थी जिसपर चीफ जस्टिस  डी एच वाघेला और जस्टिस एम एस सोनक ने महिलाओं के पक्ष में निर्देश दिए हैं। इस पीआईएल में महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर जैसे मंदिरों में महिलाओं के जाने पर पाबंदी को चुनौती दी गई थी। इस मामले पर महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि वह कानून को लागू करके आदेश के अनुरूप सभी कदम उठाएगी। इस कानून के तहत किसी महिला को किसी मंदिर में जाने  से रोके जाने पर दोषी को छह माह की जेल हो सकती है।